नवरात्रि के 9 दिनों में माता शक्ति की आराधना की जाती है। इस दौरान साधन मूलाधार चक्र, से लेकर सहस्त्रार चक्र तक अपना ध्यान लगाते हैं। इससे कुंडलिनी शक्ति का जागरण होता है तो दूसरी ओर आम उपासक माता के नौ रूपों में उनका पूजन करते हैं। दरअसल माता की आराधना आठवें दिन महागौरी स्वरूप में की जाती है। आदिशक्ति श्री दुर्गा का आठवां स्वरूप श्री महागौरी होती है।
मां महागौरी का रंग गौर होता है इसलिए इनका नाम महागौरी रखा गा है। माता श्रद्धालुओं को प्रसन्न होकर धन-धान्य से समृद्ध करती हैं। माता को श्री क्लीं हृीं वरदायैन नमः मंत्र से प्रसन्न किया जाता है। माता ने त्रिशूल धारण कर रखा है। माता के हाथ में कई तरह के अस्त्र हैं।
माता का यह स्वरूप बेहद ही शुभ है। तो दूसरी ओर सिद्धिदात्री माता का पूजन 9 वें दिन होता है। माता को हृीं क्लीं ऐं सिद्धये नमः मंत्र से प्रसन्न किया जाता है। माता सभी सिद्धियों को देने वाली होती हैं। माता का पूजन करने से साधक की सभी मनोकामनाऐं पूर्ण होती हैं। साधक माता का ध्यान करते हुए सहस्त्रार चक्र को जागृत करता है।