नई दिल्ली: दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल ने बीते शनिवार को एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें उन्होंने अपने नर्सिंग स्टाफ को काम के दौरान मलयालम भाषा का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने यह भी कहा है कि ज्यादातर मरीज और सहकर्मी इस भाषा को नहीं जानते हैं, और इसी के चलते बहुत असुविधा होती है। अब इस बात को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भाषा पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। जी दरअसल हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में वह लिखते हैं, “किसी भी अन्य भारतीय भाषा की तरह ही मलयालम भी भारतीय भाषा है। भाषा पर भेदभाव बंद करो!”
Malayalam is as Indian as any other Indian language.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 6, 2021
Stop language discrimination! pic.twitter.com/SSBQiQyfFi
क्या है मामला- जी दरअसल, दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों में से एक गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की तरफ से बीते शनिवार को सर्कुलर जारी किए गए। इसमें नर्सों से यह कहा गया है कि वे बातचीत के लिए केवल हिंदी और अंग्रेजी का इस्तेमाल करें या ‘गंभीर कार्रवाई’ का सामना करने के लिए तैयार रहें। यह सब होने के बाद कई कांग्रेस नेताओं ने इसे गलत बताया और इस आदेश की निंदा की।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर लिखा, ''मैं माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ। हर्षवर्धन से GIPMER के अधिकारियों की तरफ से जारी किए गए विचित्र और असंवैधानिक सर्कुलर को तुरंत वापस लेने का आदेश देने का आग्रह करता हूं।'' केवल यही नहीं बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि ये सर्कुलर भेदभावपूर्ण है और हमारे संविधान की तरफ से दिए गए मूल अधिकार के खिलाफ है।
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