नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई देशविरोधी नारेबाजी को लेकर अनुशासनहीनता के दोषी करार दिए गए छात्र नेता उमर खालिद व अनिर्बान भट्टाचार्य पर करीब एक सप्ताह की कार्रवाई न करने का निर्देश दिया गया है। गौरतलब है कि जेएनयू अपीलीय प्राधिकरण ने अपने आदेश के तहत दोनों ही विद्यार्थियों को अनुशासनहीनता का दोषी कहा है। इस मामले में प्राधिकरण ने निर्णय दिया था कि अनिर्बान को 5 साल के लिए जेएनयू से निष्कासित कर दिया जाए जबकि उमर को दिसंबर तक के लिए जेएनयू से बाहर किया जाए।
गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में 9 फरवरी को आतंकी अफजल गुरू की स्मृति में कार्यक्रम हुआ और यहां देश विरोधी नारेबाजी की गई। जिसके बाद जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, अनिर्बान भट्टाचार्य, उमर खालिद आदि को देशविरोधी नारे लगाने का आरोपी बनाया गया था।
इस मामले में जेएनयू अपीलीय प्राधिकरण ने विद्यार्थियों को लेकर निर्णय दिया। जेएनयू प्रशासन की ओर से अभिभाषक ने याचिका लगाने वाले छात्रों की बात को नकार दिया और कहा कि प्रधाकिरण ने सभी बातों पर विचार करने के बाद अपना निर्णय दिया है। मगर उच्च न्यायालय ने प्राधिकरण के निर्णय पर रोक लगा दी है। अब इस मामले में उच्च न्यायालय ने 6 सितंबर अर्थात् आज सुनवाई करने का निर्णय लिया है।
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