नई दिल्ली: कुछ दिनों से नागरिकता कानून और NRC को लेकर देश के कई इलाकों के विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. वहीं अदालत ने शाहीन बाग में सीएए का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ द्वेषपूर्ण भाषण के मामले केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और उनके सहयोगी भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा पर एफआईआर दर्ज करने के मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को एक पार्टी बनाते हुए अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय देते हुए 13 अप्रैल तक सुनवाई टाल दी है. कल इस मामले की सुनवाई जस्टिस एस. मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने की थी. आज इस मामले की सुनवाई जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरि शंकर की बेंच ने की.
वहीं जांच में इस बात का पता चला है कि सुनवाई की शुरुआत में दिल्ली पुलिस के वकील सॉलिसीटर जनरल तुषार ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने बुद्धिमत्ता के हिसाब से तीन भाषणों को विद्वेष पूर्ण भाषण माना है लेकिन ऐसे बहुत से भाषण हैं. इसके साथ ही आज एक बार फिर तुषार मेहता ने इस मामले में केंद्र सरकार को सुने जाने का आवेदन किया.
सूत्रों से अनुसार इसके बाद दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्होंने यह फैसला लिया है कि वो विद्वेषपूर्ण भाषणों पर एफआईआर दर्ज नहीं करेंगे क्योंकि इसका ये सही समय नहीं है. इससे शांति बहाली में कोई मदद नहीं मिलेगी और दिल्ली के हालात सामान्य नहीं होंगे. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने ये भी बताया कि हिंसा के मामले में अब तक उन्होंने 48 एफआईआर दर्ज कर ली है.
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