रण क्षेत्र में अपनी अदम्य वीरता और साहस के लिए जानी जाने वाली भारतीय सेना जब आसमान मे उड़ान भरती है तो धरती पर दुश्मन कांप उठता है। जब सेना के कदम धरती पर बढ़ते हैं तो दुश्मन भागने लगता है। मिसाईलों, टैंकों, सामरिक विमानों और कई तरह के आधुनिक हथियारों से लैस भारतीय सेना की विश्वभर में अनूठी मिसाल दी जाती है। मगर शांतिकाल में सेना मानवता के लिए हाथ से हाथ मिलाकर आगे बढ़ती है।
उत्तराखंड में बाढ़ से उपजी त्रासदी हो या फिर भूकंप के दौरान मलबे में जीवन तलाशने की जद्दोजहद हो। भारतीय सेना ने हर मोर्चे पर अपना योगदान दिया है। चेन्नई में आई बाढ़ में तो सेना के जवानों और अधिकारियों ने डूबती जिंदगियों को बचाया। मंजीलें डूब की जद में आ गईं। तो लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने का कार्य भारतीय सेना के उड़नखटोलों ने किया। डूबते लोगों को बचाने का कार्य भी सेना ने बड़ी बहादुरी से किया।
देश में जब पक्ष और विपक्ष के बीच संसदीय हंगामे और आरोप - प्रत्यारोप का दौर हो। देशभर में भ्रष्टाचार और अव्यवस्था की बात कही जा रही हो। तब सेना के जवान अपनी एकजुटता और तालमेल के साथ नागरिकों की रक्षा करते हैं। उनकी सहायता करते हैं यह अनुकरणीय है। हालांकि विभिन्न क्षेत्रों की ही तरह सेना के कुछ जवान देश के सिक्रेट् दुश्मन को देने के आरोप में पकड़े गए।
तो महु के कुछ जवानों द्वारा शराब के नशे में धुत्त होकर मारपीट की। हालांकि यह महज अपवाद ही कहा जा सकता है। अन्य सभी मोर्चों पर भारतीय सेना ने अदम्य वीरता का परिचय दिया है और अनुकरणीय कार्य किया है। भारत की सेना की तुलना किसी के साथ नहीं की जा सकती है। सेना द्वारा बाढ़ और आपदा के समय मुश्किल हालातों में रहकर भी जीवन बचाया जाता है।
भले ही मौसम प्रतिकूल हो भारतीय सेना के जवान बोट और हेलिकाॅप्टर्स से लोगों को बचाने में इस तरह के क्षेत्रों में लगे रहते हैं। सेना के जवान स्वयं भले ही भोजन करे न करें लोगों को खाने के पैकेट जरूर वितरित करते हैं। यही नहीं भारतीय सेना इस तरह के दुर्गम क्षेत्रों में मुश्किल हालातों में रहकर लोगों को बचाने का कार्य करती है। इसकी मिसाल देना बेहद मुश्किल है।
'लव गडकरी'