जींद :21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने के बाद योग और प्राणायाम के अभ्यास और प्रचार - प्रसार से अधिक तो विवाद ही सामने आ रहे हैं। पहले जहां मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा इस दिवस पर योग और सूर्यनमस्कार करने से इंकार कर दिया गया तो अब देवा फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी देवा ठाकुर द्वारा योग से ओम और सूर्य नमस्कार को अलग किए जाने को लेकर केंद्र की राजग सरकार पर सवाल उठाए जाने लगे हैं। मामले में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुछ गैर हिंदू लोगों को खुश करने के लिए इस तरह का कदम उठाया गया है। यह एक तरह से देश के लिए धोखा है। मामले में कहा गया है कि जो मुसलमान ओम ओर सूर्य नमस्कार का विरोध करने में लगे हैं उन्हें भारत से ही बाहर कर देना चाहिए।
यही नहीं मामले में कहा गया कि हिंदुत्व के आधार पर जो नरेंद्र मोदी सरकार अस्तित्व में आई थी वह अब हिंदूत्व के मसले को लेकर ही बैकफुट पर खड़ी है। मामले को लेकर साध्वी देवा ने कहा कि ऐसे लोगों को देश में ही रहने का अधिकार नहीं है। मामले में कहा गया है कि सरकार द्वारा मुसलमानों को प्रसन्न रखने का प्रयत्न किया जा रहा है। सरकार इसके लिए ओम और सूर्य नमस्कार को योग दिवस के कार्यक्रम से हटा रही है। यह ठीक बा नहीं है।
उन्होंने कहा कि योग में अपनाए जाने वाले ॐ उच्चारण का हिंदूत्ववादी मतलब होता तो ऐसे मुस्लिम राष्ट्र जहां योग किया जाता है वहां की आबादी ही हिंदू हो जाती। योग और सूर्य नमस्कार का विरोध किए जाने को उन्होंने मुसलमानों की छोटी सोच करार दिया है। यही नहीं उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में निर्मित राजग सरकार और कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों में अंतर नहीं है। यह सरकार हिंदुओं के हितों की बात न कर संतों और हिंदुओं को ठेस पहुंचा रही है।