जम्मू-कश्मीर। खबर है की सियाचिन में मौसम अब सामान्य हो चूका है और बाकी के शहीद 9 जवानो के पार्थिव शरीर को लेह लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. पिछले दिनों यहां आए बर्फीले तूफान में 10 जवानों की मौत हो गई थी. इनमें हनुमनथप्पा भी शामिल थे जिन्हें 6 दिनों बाद जिंदा निकाल लिया गया था लेकिन गुरुवार को दिल्ली के आरआर अस्पताल में उनका निधन हो गया था.
बता दे की सियाचिन में 20,500 फीट की ऊंचाई पर 3 फरवरी 2016 को आए हिमस्खलन में मद्रास रेजिमेंट के 10 जवान शहीद हो गए. सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है लेकिन यहां जवानों को दुश्मन के साथ-साथ मौसम से भी जूझना पड़ता है.
सियाचिन की ऊंचाई 22,000 फीट है और तापमान न्यूनतम से 45 डिग्री सेल्सिस से कम तापमान है. यहां ऑक्सीजन कम है, जिसके कारण सैनिकों की याद्दाश्त कमजोर होने की संभावना है. बोलने में दिक्कत, फेफड़ों में संक्रमण और अत्यधिक तनाव से भी जूझना पड़ सकता है.