फूलन देवी नरसंहार में कोर्ट ने 50 वर्षीय आरोपी को बताया नाबालिग
फूलन देवी नरसंहार में कोर्ट ने 50 वर्षीय आरोपी को बताया नाबालिग
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कानपुर (उत्तर प्रदेश) : फूलन देवी और उसके गैंग द्वारा कानपुर जिले के बेहमई गांव में किये गए नरसंहार में एक आरोपी को 34 साल बाद नाबालिग करार दिया गया है. साल 1981 में बैंडिट क्वीन फूलन देवी ने अपना बदला पूरा करने के लिए 21 राजपूतों की हत्या कर दी गई थी. लेकिन इस नरसंहार के 34 साल बाद एक आरोपी को नाबालिग करार दिया गया है. दिलचस्प बात यह है की यह फैसला ऐसे समय सुनाया गया है की अब उस आरोपी की उम्र 50 साल है और उसके 7 बच्चे है. और सबसे बड़ा बेटा 24 साल का है.

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2008 में आरोपी ने कानपुर सत्र नायालय में याचिका दायर की थी की वारदात के समय वह नाबालिग था. 2 महीने पहले कोर्ट ने उसके कक्षा 8 वी और 10 वी के रिकॉर्ड को खंगाला जिसके आधार पर उसे जुवेनाइल घोषित किया. अब इस मामले की सुनवाई 25 जनवरी को होनी है. आपको बता दे की बेहमई वही गाँव है जहां फूलन देवी का राजपूतों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था जिसका बदला लेने के लिए साल 1981 में फूलन देवी ने 21 राजपूतों को गोलियों से छलनी कर दिया था. हालांकि इस नरसंहार के 2 साल बाद 1983 में फूलन ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया था.

इसके बाद वह मिर्ज़ापुर से लोक सभा संसद बनी और 2001 में उनके दिल्ली स्थित आवास पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले में मान सिंह, विश्वनाथ, और राम रतन को भगोड़ा करार दिया है जबकि 5 के खिलाफ ट्रायल शुरू हुआ. कोर्ट ने कोसा, भिका, राम सिंह और श्याम बाबू को अब जुवेनाइल करार दिया है. राम सिंह अभी जेल में है जबकि अन्य आरोपी बेल पर बाहर हैं.

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