शादी से पहले एक रात जंगल में गुज़रते हैं कपल, ये है कारण
शादी से पहले एक रात जंगल में गुज़रते हैं कपल, ये है कारण
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दुनिया की बहुत सी अजीब परंपरा के बारे में आपने सुना होगा जो आपको भी हैरान कर देती होंगी. आज एक और ऐसी अजीब परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप भी रह जायेंगे हैरान. इसे सुनकर आप ये सोचेंगे कि ऐसा भी होता है क्या. ये परंपरा भी शादी को लेकर ही है जो कहँ और नहीं बल्कि  हमारे ही देश में मनाई जाती है. आइये जानते हैं उसके बारे में. 

दरअसल, छत्तीसगढ और मध्यप्रदेश आदिवासियों के मामले में पूरे देश में जाने जाते हैं. आदिवासियों की परंपराएं लोगों के लिए सबसे ज्यादा रोचक होती हैं. ये बैगा जनजाति है जहां कई तरह के वैवाहिक समारोह होते हैं, जिसमें सबसे रोचक दशरहा के नाम से जाना जाता है. दशरहा के अंतर्गत एक गांव की युवक-युवतियां दूसरे गांव जाकर वहां के युवाओं के साथ रातभर नाचते हैं. और नृत्य के दौरान अपना जीवन साथी चुनते हैं. नृत्य के दौरान ही युवक-युवतियां एक दूसरे से प्रणय निवेदन करते हैं. इसी के बाद एक-दूसरे को पसंद करके वो जंगल में जाकर रात गुजारते हैं और सुबह आकर अपने माता-पिता से आशीर्वाद लेकर दांपत्य जीवन की शुरुआत करते हैं.

* दशरहा होली के ठीक बाद आने वाली परंपरा है, जिसमें करीब एक महीने तक बैगा युवक-युवतियां दूसरे गांवों में जाकर नृत्य करते हैं. इस विवाह को ग्रामीण बोलचाल की भाषा में ले भागा, ले भागी भी कहते है.

* ये परंपरा पश्चिमी सभ्यता से मेल खाती है, लेकिन यहां के बुजुर्ग आदिवासी इसे सामाजिक दायित्व मानते हैं और इसके लिए युवक-युुवतियों को पहले ही जानकारी दे दी जाती है.

* आदिवासी समाज में महिलाओं को बडे ही सम्मान से देखा जाता है. यहां उन्हें अपने लिए पति चुनने के साथ विवाह से पूर्व उनके साथ संबंध बनाने की भी इजाजत होती है. जब इस बारे में परिवार को पता चलता है तो दोनों की शादी करा दी जाती है.

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