रैली/रोड शो 209, सीटें सिर्फ 2... आखिर प्रियंका गांधी से कहाँ कमी रह गई ?
रैली/रोड शो 209, सीटें सिर्फ 2... आखिर प्रियंका गांधी से कहाँ कमी रह गई ?
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ दोबारा CM बन रहे हैं, वह लगभग एक लाख से अधिक वोटों से विजयी हुए हैं। यह बीते 37 वर्षों के इतिहास में पहली बार है जब किसी एक ही पार्टी ने लगातार दो बार सरकार बनाने में सफलता हासिल की हो और यह कारनामा भाजपा ने किया है। वहीं सूबे में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। राज्य में कांग्रेस महज 2 सीटों पर सिमटकर रह गई है, जो 2017 के 7 सीटों से भी कम है। यूपी की जनता ने प्रियंका गाँधी के नेतृत्व और तमाम चुनावी वादों को ख़ारिज करते हुए कांग्रेस को और भी पीछे ढकेल दिया है। हालाँकि, कांग्रेस को फिर खड़ा करने की कोशिश में लगीं प्रियंका गाँधी वाड्रा ने गिनतियों के हिसाब से सर्वाधिक 209 रैलियाँ और रोड शो किए। फिर भी जनता ने कांग्रेस को बुरी तरह नकार दिया।

यूपी में चुनाव प्रचार के दौरान इस बार जहाँ कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गाँधी ने अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए महिला मतदाताओं पर फोकस किया, ढेरों चुनावी वादे किए थे। मगर सब बेकार हो गया है। प्रियंका गाँधी विपक्ष की एक मात्र नेता थीं जो यूपी चुनावों के काफी पहले से सूबे में सक्रीय थी। फिर चाहे वो हाथरस का मुद्दा हो या किसानों का, सभी पर उन्होंने योगी सरकार को जमकर घेरने का प्रयास किया था। 

वहीं विधानसभा चुनावों का ऐलान होने के बाद प्रियंका गाँधी ने कांग्रेस का जनाधार फिर हासिल करने के लिए जमकर चुनाव प्रचार भी किया। फिर भी सूबे में पार्टी की नाजुक स्थिति के मद्देनज़र पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी को यूपी की सियासत से दूर ही रखा गया, ताकि हार का ठीकरा उनके सिर न फूटे। राज्य में जहाँ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र में एक आभासी रैली किया वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भी चुनाव प्रचार के लगभग आखिर में अतिथि के रूप में दो रैलियों को संबोधित किया जिसमें एक अमेठी और दूसरी वाराणसी में थी।

चुनावी अभियान के स्कोर बोर्ड के हिसाब से देखें तो प्रियंका गाँधी ने राज्य में कांग्रेस प्रत्याशियों की जीत के लिए सर्वाधिक 209 रैलियाँ और रोड शो किए। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने भाजपा को लगातार दूसरी बार सत्ता में लाने के लिए राज्य में 203 रैलियाँ और रोड शो किए। जबकि दूसरी विपक्षी पार्टियों में समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सपा गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए 131 रैलियाँ और रोड शो किए। तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पार्टी के लिए सिर्फ 18 रैलियों और रोड शो किए।

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