क्या 'अवैध धर्मान्तरण' की इजाजत देता है संविधान ?
क्या 'अवैध धर्मान्तरण' की इजाजत देता है संविधान ?
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बैंगलोर: कर्नाटक में काफी समय से सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) धर्मान्तरण विरोधी कानून (Anti-conversion bill) लाने की बात कर रही थी। इसी कड़ी में मंगलवार (21 दिसंबर, 2021) को बासवराज बोम्मई सरकार ने धर्मान्तरण विरोधी विधेयक-2021 को विधानसभा में पेश किया। किन्तु बिल के पेश होते ही विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। वहीं कर्नाटक कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने बिल की कॉपी को फाड़कर इसका विरोध किया।

रिपोर्ट के अनुसार, अवैध धर्मान्तरण को रोकने वाले बिल को राज्य के गृह मंत्री आरागा ज्ञानेंद्र (Araga Gyanendra) ने विधानसभा में पेश किया। अब इस बिल पर बुधवार (22 दिसंबर 2021) को चर्चा होगी। किन्तु कांग्रेस के रवैये से ये तो स्पष्ट हो गया है कि इस पर काफी बवाल होने वाला है। सोमवार को ही मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई की कैबिनेट ने शीतकालीन सत्र में धर्मान्तरण विरोधी विधेयक को पेश करने का निर्णय लिया था। वहीं सदन के भीतर विधेयक को फाड़ने के मामले में डीके शिवकुमार (DK Shiv Kumar) ने कहा कि यह संविधान के विरुद्ध है, इसीलिए इस फाड़ दिया। शिवकुमार का कहना है कि कांग्रेस पहले से ही नहीं चाहती थी कि इस विधेयक को पेश किया जाए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पर सरकार के साथ मिले होने का इल्जाम लगाते हुए कहा कि हम इसका विरोध करेंगे। लेकिन कांग्रेस के इस बिल को असंवैधानिक बताने से एक सवाल ये पैदा होता है कि क्या संविधान अवैध तरीके से, गरीबों को धन या किसी अन्य चीज़ का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाने की अनुमति देता हैं ? 

क्या है धर्मान्तरण विरोधी कानून ?

कर्नाटक सरकार द्वारा लाए जा रहे बिल का नाम ‘कर्नाटक प्रोटेक्शन ऑफ राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल 2021’ है। यदि सरकार इस विधेयक को पारित कराने में कामयाब हो जाती है, तो अवैध धर्मान्तरण के दोषी को 10 वर्ष तक की सजा होने का प्रावधान हो जाएगा। इसके साथ ही दोषियों पर पाँच लाख रुपए तक का जुर्माना भी लग सकता है। ऐसा नहीं है कि राज्य में धर्मान्तरण का कानून नहीं है। पुराने कानून के तहत तीन वर्ष की सजा और 50,000 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। बता दें कि कर्नाटक में गरीबों को बहला-फुसलाकर ईसाई मिशनरी उन्हें क्रिस्चियन बना रही हैं। इस मामले में हाल ही में सीएम बासवराज बोम्मई कह चुके हैं कि, 'राज्य के निर्दोष लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है। उन्हें पैसे और आर्थिक मदद की लालच दी ​जाती है। सीएम बोम्मई ने कहा कि धर्म परिवर्तन सिर्फ लोगों की तादाद बढ़ाने के लिए नहीं है, इस मानसिकता को बदलना होगा। यह शुरू में लुभाता है, मगर अंत में यह समाज को प्रभावित करेगा। हमारी सरकार, हमारा देश ऐसा नहीं होने देगा। हमारे समाज में गरीबी को भुनाने का प्रयास किया जा रहा है।'

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