नई दिल्ली: कांग्रेस इन दिनों अपनी संगठन शक्ति को मजबूत करने में लगी है, इसके लिए वह न केवल कांग्रेस के आनुषंगिक संगठनों और मोर्चों को मजबूत कर रही है बल्कि गैर भाजपाई और गैर आरएसएस समर्थित दलों को भी अपने साथ जोड़ रही है, जिससे केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला किया जा सके। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन पायलट ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में हो रही हिंसक घटनाओं का उल्लेख भी किया, उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय का राजनीतिक उपयोग किया गया, वह भी इसलिए कि जो भाजपा के मत से सहमत नहीं हैं उन्हें सबक सिखाया जा सके।
वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने कहा कि उन सभी व्यक्तियों और विचारधाराओं को एकजुट होना चाहिए जो कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में अलग राय रखते हैं। उनका कहना था कि वर्तमान सरकार के ये प्रयास हैं कि वे भारतीय जनता पार्टी के विरोधी हैं। उन्हें भारत विरोधी के तौर पर प्रस्तुत किए जाने की मंशा भी भाजपा ने सामने रखी है। सचिन पायलट ने रोहित वेमुला आत्महत्या कांड को लेकर कहा कि केंद्र सरकार को अपने विचारों का मंथन करना चाहिए।
जिस तरह से विपक्ष को दबाया जा रहा है। वह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ जो भी विचारधारा जाती है उसे कुचलने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने इस सभी बातों को अलोकतांत्रिक करार दिया। उनका कहना था कि लोकतंत्र में तो सभी की आवाज़ें सुनी जाती हैं। मगर विपक्ष तो ऐसी हालत में जहां उसे सुना ही नहीं जा रही है। उनका कहना था कि कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई वामपंथी है या फिर दक्षिण पंथी|