चेन्नई : तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम पार्टी गठबंधन में हैं लेकिन सीटों के आवंटन को लेकर दोनों ही दलों में एकमत नहीं हो पाया है। इस दौरान यह बात सामने आई है कि डीएमके स्वयं ही अपने बल पर चुनाव जीत पाने की मंशा के चलते अधिक से अधिक सीटें अपने पास रखना चाहती हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस अधिक से अधिक सीटें अपने पास रखना चाहती हैं।
दोनों ही दलों में सीटों के वितरण को लेकर समन्वय का प्रयास किया जा रहा है लेकिन अभी तक इस मामले में सहमति नहीं बनी है। कांग्रेस द्वारा कहा गया है कि उसने चुनाव की रणनीति के लिए बैठक बुलाई थी। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में इस मामले को लेकर दोनों दलों की संयुक्त बैठक हुई। जिसमें दोनों ही दलों के प्रमुख नेताओं ने भाग लिया।
यही नहीं इसमें डीएमके प्रमुख एम करूणानिधि और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद शामिल हुए। दोनों ही नेताओं ने अपने - अपने दल की बातें रखीं। एम करूणानिधि के पुत्र स्टालिन ने कहा कि कांग्रेस को 234 सीटों वाली विधानसभा में 30 सीटें देने की प्रारंभिक पेशकश की गई थी। मगर कांग्रेस की मांग 63 सीटों की भी थी। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के गिरते जनाधार के चलते डीएमके रिस्क लेना नहीं चाहता है।