एकाग्रता की शक्ति से होता है सुख और शांति का समावेश
एकाग्रता की शक्ति से होता है सुख और शांति का समावेश
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मानव को अपने जीवन की प्रत्येक सीढ़ी से  गुजरने और कार्य की पूर्ती के लिए एकाग्रता का भाव बेहद जरूरी होता है .मानव जीवन में एकाग्रता समस्त ज्ञान का सार है. एकाग्रता के बिना कुछ नहीं किया जा सकता.

इस जगत में आये प्रत्येक मानव के पास सांसारिक क्रियाकलापों को करने की शक्ति समान होती है. पर कई बार वह किसी कार्य को करने से डरता है. या फिर उस कार्य को करने के बाद असफल हो जाता है .इसका मुख्य कारण यह है की उसने एकाग्रता के साथ उस कार्य में रूची नहीं ली आम तोर पर साधारण मनुष्य अपनी विचार-शक्ति का 90 प्रतिशत अंश व्यर्थ नष्ट कर देता है. और इसलिए वह निरंतर भारी भूलें करता रहता है.

पर यदि वह अपने मन की एकाग्रता के साथ कार्य करता है. तो उसे कठिन से कठिन कार्य में सफलता अवश्य रूप से मिलती है. अब आपके मन में यह विचार आया होगा की यह एकाग्रता क्या है ? तो आप जान सकते है की एकाग्रता मन का नियंत्रण मतलब किसी एक कार्य को एक समय में सोच समझ कर करना यहां- वहां अपने मन को ना भटकने देना और ऐसा करने से आपको सफलता की सीढ़ी अवश्य रूप से मिलेगी .

आपके जीवन में खुशियाँ आएंगी आपका जीवन शांति और सुखद घटनाओं के साथ व्यतीत होगा .

आपको किसी भी क्षेत्र में ज्ञान की प्राप्ति के लिए एकमात्र उपाय है-

आप कितने भी अच्छे अच्छे साधनों के साथ कुछ सीख रहे है पर यदि आपके मन में एकाग्रता नहीं है तो आप उस चीज को हासिल न कर पायेगें . अपने मन की समस्त शक्तियों को केंद्रीभूत करके जिन वस्तुओं का विश्लेषण किया है उसमें सफलता अवश्य पाई है.

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