नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट Omicron की पहचान करने के बाद से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. Omicron ही भारत में जारी तीसरी लहर के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण हैं. एक स्टडी के अनुसार, दिल्ली में पहली बार Omicron वेरिएंट (B1.1.529) के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के प्रमाण मिले हैं.
देश में पहली दफा ऐसी रिसर्च सामने आई है, जिसमें कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टी हुई है. इस संबंध में नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलिअरी साइंसेस (ILBS) ने जानकारी दी है. रिपोर्ट के अनुसार, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के क्लिनिकल वायरोलॉजी विभाग (Department of Clinical Virology) ने कोरोना वायरस के Omicron (B1.1.529) वेरिएंट के शुरुआती कम्युनिटी ट्रांसमिशन की बात की पुष्टि की है. मेड्रक्सिव में छपी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस रिसर्च में 25 नवंबर से 23 दिसंबर 2021 के बीच सभी RT-PCR से श्वसन के नमूने लिए गए. दिल्ली के पांच जिलों से सैंपल लिए गए थे. रिसर्च अवधि के दौरान शामिल किए गए 264 मामलों में से 68.9 फीसद (182 सैंपल्स) मामले, डेल्टा वेरिएंट और 31.06 प्रतिशत मामले (82 सैंपल्स) Omicron के थे, जिनमें BA.1 प्रमुख उप-वंश (73.1 फीसद) था.
इसके अनुसार, ज्यादातर Omicron के केस (61 फीसद) एसिंप्टोमेटिक यानी बगैर लक्षण वाले (50 केस) थे और उन्हें किसी भी अस्पताल में एडमिट होने की आवश्यकता नहीं पड़ी. जबकि कुल 72 मामले (87.8 फीसद) टीके की दोनों डोज़ ले चुके थे. वहीं, 39.1 फीसद (32 केस) का यात्रा और कॉन्टैक्ट की हिस्ट्री थी, यानी कि ये लोग किसी संक्रमित शख्स के संपर्क में आने से या फिर यात्रा के दौरान संक्रमित हुए थे. जबकि 60.9 फीसद (50 केस) में सामुदायिक प्रसारण यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टि हुई है.
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