रंग बिरंगे फूल, बिमारी रखें दूर
रंग बिरंगे फूल, बिमारी रखें दूर
Share:

रंग बिरंगे फूल प्रकृति की देन है। जो प्रकृति को और भी खूबसूरत बनाते हैं साथ ही साथ ये बीमारियों को दूर करने में भी कारगर हैं। फूलों की कई प्रजातियों में से कुछ ऐसे फूल हैं जो बिमारियों से लेकर घाव भरने का भी उपचार करते हैं। फूलों की अलग-अलग प्रजातियां अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होती हैं और इसलिए इनका उपयोग करने के पहले विशेषज्ञ का परामर्श आवश्यक होता है।

गेंदे के फूल को घाव भरने के लिए सर्वश्रेष्ठ मरहम माना जाता है।जिनके घरों में बच्चे हों, उन्हें अपने घरों में गेंदे का फूल जरूर लगाना चाहिए। पुराने समय में बच्चों को चोट लगने पर गेंदे के फूलों को पीस कर घाव के स्थान पर लगा दिया जाता था। गेंदे के फूलों को तुलसी के पत्तों के साथ पीस कर उसका मलहम बना कर भी घाव के उपर रखा जा सकता है। इसके अलावा गेंदे की एक विशेष प्रजाति से त्वचा संबंधी रोगों का भी उपचार किया जा सकता है। इन दिनों लोकप्रिय अरोमाथेरेपी में भी एग्जिमा, जलन और त्वचा के दाग-धब्बों के उपचार संबंधी दवाइयों में गेंदा मुख्य होता है।

फूलों का राजा गुलाब,जिससे बहुत से सौंदर्य प्रसाधन तो बनते ही हैं साथ ही ये गुलाब चिकित्सा के क्षेत्र में भी अहम है। आयुर्वेद में गुलाब का उपयोग स्कर्वी के उपचार और गुर्दे संबंधी समस्याओं में होता है। फूलों से उपचार के क्षेत्र में शोध कर रहे आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. नितिन शर्मा ने बताया कि गुलाब का फूल शरीर में विटामिन सी की कमी को दूर करने में सहायक होता है। गुलाब की कलियां विटामिन सी से समृद्ध होती हैं। इन कलियों को स्कर्वी दूर करने के एक प्रमुख तत्व के तौर पर शामिल किया जाता है। गुलाब की कलियांं का अर्क गुर्दे की बीमारियों की दवाइयांं बनाने में भी इस्तेमाल होता है। यह मूत्र संबंधी विकारों को दूर करती हैं। इसके अलावा गुलाब की पंंखुड़ियांं गर्मी के कारण आए बुखार को दूर करने, शरीर को ठंडा करने और त्वचा की झाइयांं दूर करने में उपयोग की जाती हैं।

कीचड़ में खिलने वाला कमल भी डायरिया को दूर करने और गर्मी के कारण झुलसी त्वचा को निखारने में मददगार साबित होता है।डायरिया के उपचार के लिए कमल के बीजों को गर्म पानी में डाल कर उसमें काला नमक मिलाया जाता है। अब इसमें चाय की पत्ती डालकर उबाल कर पीने से डायरिया का उपचार किया जा सकता है।कमल की पत्तियों को पीस कर उसे झुलसी त्वचा पर लगाने से त्वचा की गर्मी दूर हो जाती है और झुलसने का निशान भी चला जाता है। शरीर से अतिरिक्त वसा कम करने की दवाइयों में भी कमल की पत्तियों का उपयोग होता है।

मौसम, बारिश और ये बीमारियां..

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -