अब उन कलेक्टर्स की खैर नहीं जिन्होने नहीं उठाया फोन
अब उन कलेक्टर्स की खैर नहीं जिन्होने नहीं उठाया फोन
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भारत को बुरी तरह से कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में ले लिया है. जिसको नियंत्रित करने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. प्रदेश के कई कलेक्टर अपने आपको मालिक की भूमिका से अलग नहीं कर पा रहे हैं. यही वजह है कि वे न तो आम आदमी का फोन उठाते हैं और न ही जनप्रतिनिधियों का. हालात इससे समझ सकते हैं कि एक मंत्री तक का फोन भी कलेक्टर ने उठाना मुनासिब नहीं समझा. कलेक्टरों की इस तरह की कार्यप्रणाली की कई शिकायतें सरकार तक पहुंच चुकी है. इसके बाद अब माना जा रहा है कि कोरोना महामारी के हालात में सुधार होते ही उन पर तबादले की गाज गिरना तय है. प्रदेश के कई कलेक्टरों का हाल यह तब है जब स्वयं मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और मंत्री इस संकट से निकलने और आमजन को राहत देने के लिए लगातार सोलह-सोलह घंटे तक काम कर समस्याओं के निकराकरण का प्रयास कर रहे हैं. कलेक्टरों द्वारा फोन नहीं उठाने की वजह से कई जिलों में गरीबों और किसानों की सुनवाई ही नही हो पा रही है. पीडि़त अपनी गुहार लेकर जनप्रतिनिधि के पास पहुंचते हैं तो उनका भी यही रोना रहता है कि क्या करें, कलेक्टर व अन्य बड़े अधिकारी उनका फोन ही नहीं उठाते हैं. यही वजह है कि अब कलेक्टरों को लेकर मिल रहीं शिकायतों पर सरकार गंभीर है. अब सिर्फ हालात सामान्य होने का इंतजार किया जा रहा है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बुन्देलखंड अंचल के तहत आने वाले एक जिले की कमान एक महिला अफसर के पास है. मंत्री के दौरे के समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर की शिकायत करते हुए बताया कि न तो उनके फोन उठाए जाते हैं और न ही शिकायत पर कोई कार्यवाई ही की जाती है. इसके उलट कलेक्टर का उत्तर होता है कि यह काम उनका नहीं है. साथ ही यह भी कहा जाता है कि बार-बार फोन न लगाया करें. शिकायत के बाद जब मंत्री ने खुद ही कलेक्टर को फोन लगाया, तो वह भी नहीं उठा. लगतार फोन करने के बाद कलेक्टर ने मंत्री का फोन उठाया. इसको लेकर दोनों में बहस भी हुई. इसके बाद भी कलेक्टर के कामकाज पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. इसके बाद अब जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के साथ संगठन को भी महिला कलेक्टर की शिकायत की है. बताया जा रहा है कि यह महिला कलेक्टर कांग्रेस सरकार में एक मंत्री और एक वरिष्ठ नौकरशाह की बहुत खास थीं. इसी तरह से अंचल के एक और जिले के विवादास्पद कलेक्टर के व्यवहार की शिकायतें लगातार सरकार के पास पहुंच रही हैं. उधर, कांग्रेस सरकार के एक मंत्री के करीबी रहे रीवा संभाग के एक कलेक्टर की भी फोन न उठाने व जनता से रूखा व्यवहार की बहुत शिकायतें हैं. शहडोल संभाग के एक कलेक्टर को आम जनता के फोन न उठाने व ठीक से व्यवहार न करने की शिकायत पर मंत्री ने जमकर खरी खोटी सुनाई.

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अगर आपको नही पता तो बता दे कि ग्वालियर, जबलपुर व चंबल संभाग के दो-दो, उज्जैन संभाग के तीन व इंदौर संभाग के दो कलेक्टरों के व्यवहार की अधिक शिकायतें सरकार को मिली है. सूत्रों का कहना है कि जनता जनप्रतिनिधियों से खराब व्यवहार वाले दर्जनभर कलेक्टरों पर गाज गिरना तय है. वहीं दूसरी ओर भोपाल, इंदौर व ग्वालियर के कमिश्नर व कलेक्टर के व्यवहार की आम जनता तारीफ कर रही है. आम जनता का कहना है कि यदि किसी कारण उक्त अधिकारी फोन नहीं उठाते तो खुद फोन करते हैं.

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