कॉलेज का निर्णय: लड़के - लड़कियां साथ नहीं बैठेंगे
कॉलेज का निर्णय: लड़के - लड़कियां साथ नहीं बैठेंगे
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कोझीकोड: 9 छात्र-छात्राओं को केरल कॉलेज के एक प्रोफेसर ने क्लास से बेदखल कर दिया. सभी छात्रों की गलती ये थी की वो सभी एक ही समूह में बैठे थे. आम तौर पर छात्रों को मस्ती, बत्तमीजी या अनुशासनहीनता के लिए निकाला जाता है पर केरल के फारूक कॉलेज में एक प्रोफेसर द्वारा छात्रों को बाहर भी निकाल दिया और माता पिता के माफीनामे के बाद ही क्लास में फिर बिठाने का फैसला लिया. कॉलेज भी प्रोफ़ेसर के निर्णय का समर्थन करता है और इसी निर्णय को एक कदम बढ़ा कर कॉलेज के सभी क्लास और केन्टीन में भी लागु कर देता है. 

क्लास से निष्कासित समाज शास्त्र के छात्र ने बताया की सभी 9 छात्र-छात्राओं को क्लास से सस्पेंड कर दिया है. 27 अक्टूबर को कॉलेज के कई छात्र-छात्राओं ने एक विरोध मार्च भी निकला. स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के निकले गए इस मार्च में कॉलेज के अन्य गुठ मुस्लिम स्टू़डेंट मूवमेंट, केरल स्टूडेंट्स यूनियन, स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन के सदस्यों के साथ झड़प भी हुई.        

5 छात्रों के माता पिता से आमने सामने माफीनामा मिलने के बाद क्लास में बैठने की अनुमति तो मिल गई है पर कॉलेज अभी भी लड़के लड़कियों के अलग बैठने के निर्णय पर टिका हुआ है और छात्र छात्राओं की अलग बैठक व्यवस्था के हिसाब से ही बैठना पड़ता है.  

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