नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने प्रमुख न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। जिस पर आज बड़ी अदालत में खास सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान गोगोई ने कहा है कि न्यायपालिका खतरे में है। खुद पर लगे आरोपों का खंडन करते हुए गोगोई ने कहा कि अगले सप्ताह कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसीलिये मुझ पर जानबूझकर इस तरह के आरोप लगाए गए है।
उन्होंने कहा है कि, पैसों के मामले में मुझ पर कोई आरोप नहीं लगा सकते, इसलिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि, क्या मुख्य न्यायाधीश के 20 सालों के कार्यकाल का यही ईनाम है? उन्होंने कहा कि 20 सालों की सेवा के बाद मेरे बैंक अकाउंट में केवल 6,80,000 रुपये ही हैं, कोई भी चेक कर सकता है। मुझे से ज्यादा पैसे तो मेरे चपरासी के पास हैं।
अपने उपर लगे आरोपों को लेकर गोगोई ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों को ख़ारिज करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए। सीजेआई के मुताबिक, कुछ लोग सीजेआई के कार्यालय को निष्क्रिय करना चाहते हैं, किन्तु मैं देश की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं अहम् मामलों की सुनवाई करूंगा और जिन्होंने मुझ पर आरोप लगाए हैं, वे पहले जेल में बंद थे और अब बाहर हैं।
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