चित्रात्मक चेतावनी के खिलाफ सिगरेट निर्माताओं ने बंद किया उत्पादन
चित्रात्मक चेतावनी के खिलाफ सिगरेट निर्माताओं ने बंद किया उत्पादन
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नई दिल्ली : सिगरेट के पैक पर बड़ी चित्रात्मक चेतावनी छापने के सरकारी आदेश के बाद नाराज सिगरेट निर्माताओं ने 1 अप्रैल से सिगरेट उत्पादन बंद करने की घोषणा कर दी. इससे रोजाना 350 करोड़ का नुकसान होगा. गौरतलब है कि सरकार ने 1 अप्रैल से तम्बाकू उत्पादों के पैक पर 85 फीसदी विज्ञापन छापना अनिवार्य कर दिया है. ऐसा स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश को लागू करने के लिए जारी की गई अधिसूचना से हुआ है, लेकिन इसके विरोध में सिगरेट निर्माताओं के संगठन टोबैको इंस्टीट्यूट आफ इण्डिया (टीआईआई) ने शुक्रवार से उत्पादन बंद करने का एलान कर दिया.

टीआईआई के अनुसार दुनिया 5 प्रमुख तम्बाकू उत्पादक देशों में उत्पादकों के पैकेटों पर 20 फीसदी चेतावनी होती है, जबकि तीन बड़े तम्बाकू उत्पादक देशों अमेरिका, चीन, और जापान में 20 प्रतिशत शब्दात्मक चेतावनी का नियम है. भारत में 2009 से कोटपा एक्ट के जरिये 40 फीसदी चित्रात्मक चेतावनी का नियम लागू है. ऐसे में नए नियम का औचित्य नहीं है.

संगठन का दावा है कि ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे से साबित हो चुका है कि 60 फीसदी उपभोक्ता 2009-10 से ही इस चेतावनी से वाकिफ हो चुके हैं. सरकार के इस कदम से न केवल राजस्व का नुकसान होगा, बल्कि गैर कानूनी सिगरेट की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा. सख्त नियमों के चलते तम्बाकू उद्योग पहले ही मृतप्राय है. भारी टेक्स के कारण सिगरेट की मांग घट रही है. वैध सिगरेट की खपत सिर्फ 11 फीसद ही रह गई है. बिना चेतावनी वाली असुरक्षित सिगरेट की बिक्री खूब बढ़ रही है. इससे सरकारी खजाने को सालाना 9 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है.

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