बीजिंग : मुंबई पर आतंकी हमले के कथित मास्टरमाइंड लखवी को रिहा कर देने के मामले में भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन की मांग की थी और उस पर चीन ने भारत का समर्थन नहीं दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के उफा में चीनी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग के साथ मुलाकात में बुधवार को यह मुद्दा उठाया और इस मुद्दे पर चीन के रुख पर भारत की आपत्ति जताई थी । गुरुवार को इस मामले में चीन ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि उसने यह फैसला तथ्यों के आधार पर और किसी के प्रति नाइंसाफी नहीं करने की भावना से किया था ।
पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा सीधे चीनी पीएम से आपत्ति उठाने के एक दिन बाद गुरुवार को ही चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनइंग ने बीजिंग में कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएन सिक्युरिटी काउंसिल) के स्थायी सदस्य के रूप में चीन हमेशा इस तरह के मसलों पर सच्चाई के आधार पर ही निर्णय करता रहा है और यह ध्यान रखता रहा है कि किसी के साथ नाइंसाफी नहीं हो ।
चीनी प्रवक्ता ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में यह भी कहा कि लखवी के मामले में भारत सहित तमाम संबंधित पक्षों से चीन लगातार बातचीत करता रहा है । साथ ही ब्रिक्स और शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने गए मोदी और शी के बीच हुई बुधवार की मुलाकात को प्रवक्ता ने सकारात्मक बताया ।
भारत ने पिछले महीने यूएन सैंक्शंस कमेटी की मीटिंग में मांग की थी कि लश्कर कमांडर एवं यूएस द्वारा भी ब्लाक लिस्टेड आतंकी लखवी को रिहा करने के आधार पर पाकिस्तान के खिलाफ समुचित कार्यवाही की जाये । भारत ने पाकिस्तान द्वारा लखवी की रिहाई को यूएन के प्रस्ताव के खिलाफ बताया था; लेकिन चीन ने यह कहते हुए इसका विरोध किया था कि भारत ने इस बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं दिये हैं ।