छत्तीसगढ़ : मुआवजा न मिलने पर किसान ने हताश होकर की आत्महत्या
छत्तीसगढ़ : मुआवजा न मिलने पर किसान ने हताश होकर की आत्महत्या
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रायपुर/कोरबा। छत्तीसगढ़ में भी किसान अपनी फसल बर्बाद होने पर हताश होकर आत्महत्या का रास्ता अपना रहे है. ऐसे ही एक केस में एक किसान ने मुआवजा नही मिलने की दशा में अपनी जीवनलीला ही समाप्त कर ली खबर के अनुसार यह किसान मुआवजा नही मिलने के कारण काफी दुखी था तथा वन विभाग के बार बार के आश्वासन से वह काफी त्रस्त था. इस तरह हताश होकर उसने मौत का रास्ता चुना. मृतक किसान जगेश्वर सिंह (37), पिता छोटेलाल कंवर जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित बुंदेली गांव का रहने वाला था।

उसके परिजनों ने बताया कि उसने पिछले सीजन में अपने नौ एकड़ खेत में धान की फसल लगाई थी, जिसके लिए उसने कई स्रोतों से करीब ढाई लाख कर्ज लिया हुआ था। एक बार हाथियों के एक दल ने नवंबर-दिसंबर के दरमियान उनकी फसलों को तबाह करते हुए जबरदस्त नुकसान पहुंचाया. जब इसकी शिकायत वन विभाग को की गई तो उन्होेने किसान जगेश्वर सिंह को उचित मुआवजा देने की बात कही. तथा इस दौरान छह महीने का अंतराल हो गया था.

परेशान होकर जगेश्वर ने गुरुवार को जहर खा लिया. इस दौरान जगेश्वर को तुरंत ही वहां के जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया जहां देर रात उसकी मौत हो गई. इस मुद्दे पर वन विभाग ने अपनी सफाई देते हुए कहा है की मूल्यांकन में देरी के कारण यह  मुआवजे रुके हुए थे. तथा हम जल्द ही इसके लिए भुगतान करने वाले थे. जगेश्वर की तीन एकड़ की फसल को हाथियों ने नुकसान पहुंचाया था जिसका मुआवजा 3200 रूपये होता है. कोरबा वन मंडल के डीएफओ जेआर नायक का कहना है की हमे किसान की आत्महत्या करने की सुचना नही है. तथा इस तरह से वन विभाग के ढीलपोल की वजह से जगेश्वर को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा. 

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