लाखों छठ व्रतियों ने सूर्य को दिया पहला अर्घ्य
लाखों छठ व्रतियों ने सूर्य को दिया पहला अर्घ्य
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पटना : बिहार में सूर्योपासना के महापर्व छठ के अवसर पर लाखों व्रतियों ने मंगलवार शाम नदियों और तालाबों में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य दिया। पटना सहित पूरे बिहार में गंगा तट से लेकर विभिन्न जलाशयों के किनारे श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की। पटना में छठ पर्व को लेकर हजारों व्रती गंगा के छठ घाट पहुंचे। आम से लेकर खास तक भक्ति में डूब गए। छठ को लेकर पूरा बिहार भक्तिमय हो गया है।

गंगा घाट से लेकर विभिन्न नदियों के तटों, तालाबों और जलाशयों पर भक्ति का सैलाब उमड़ पड़ा। मुहल्लों से लेकर गंगा तटों तक यानी पूरे इलाके में छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। राजधानी पटना की सभी सड़के पूरी तरह सजी हैं। छठ पर्व को लेकर गंगा घाटों में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। राजधानी के मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की सफाई की गई है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी छठ व्रत रखा और उन्होंने अपने सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड में ही भगवान भास्कर को अघ्र्य अर्पित किया।

इस मौके पर उनके पति और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद उनके पुत्र और नवनिर्वाचित विधायक तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव, पुत्री मीसा भारती सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर भी छठ के अवसर पर दिनभर चहल-पहल रही। मुख्यमंत्री के भाई सतीश कुमार की पत्नी गीता देवी और भांजी विभा कुमारी ने व्रत रखकर सूर्य की पूजा की। इससे पहले नीतीश ने पटना में गंगा नदी के छठ घाटों का निरीक्षण किया और छठ पूजा की तैयारियों का जायजा लिया।

पटना जिला प्रशासन ने गंगा नदी के घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। छठ व्रतियों के लिए गंगा घाटों को साफ सुथरा किया गया है और विशेष रूप से सजाया भी गया है। दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सासाराम, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर, औरंगाबाद सहित सभी जिलों के गांव से लेकर शहर तक के विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर को पहला अघ्र्य अर्पित किया। उल्लेखनीय है कि सोमवार की शाम व्रतियों ने भगवान भास्कर की आराधना कर खरना किया था। खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी बुधवार को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के बाद व्रतियों का व्रत समाप्त होगा। व्रती अन्न-जल ग्रहण कर 'पारण' करेंगे और प्रसाद बांटेंगे।

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