अभी कुछ समय पहले भारत सरकार ने बुधवार को संसद में जानकारी दी कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम की चंद्रमा के सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी. चंद्रमा की सतह पर उतरते समय लैंडर विक्रम की गति तय मानकों के अनुसार नहीं थी.वही सरकार ने यह भी बताया कि चंद्रमा की सतह से 500 मीटर की ऊंचाई से विक्रम सतह से टकराया. संसद में यह जानाकारी अंतरिक्ष विभाग का प्रभार रखने वाले पीएमओ के मंत्री जितेंद्र सिंह ने दी थी.
मिली जानकारी के मुताबिक एक लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि लैंडिंग कराए जाने के पहले फेज में विक्रम के चंद्रमा से 30 किमी से 7.4 किमी ऊंचाई पर आने तक सबकुछ सामान्य था. इस दौरान विक्रम का वेग भी 1683 मीटर प्रति सेकंड से घटकर 146 मीटर प्रति सेकंड आ गया था. जंहा दूसरे चरण के दौरान लैंडर विक्रम का वेग पूर्व निर्धारित सीमा से बहुत ज्यादा था. लैंडर के इस असामान्य व्यवहार के चलते उन परिस्थितियों में बदलाव आया, जिसके तहत सॉफ्ट लैंडिंग होनी थी. नतीजतन सतह से 500 मीटर की ऊंचाई से विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई.
अभियान के दौरान मिली ये सफलताएं: सूत्रों कि माने तो इस अभियान के दौरान इसरो को चंद्रयान की लॉन्चिंग, उसका ऑर्बिट (कक्षा) बदलना, लैंडर का ऑर्बिटर से अलग होना, डी-बूस्टिंग जैसी कई चीजों में सफलता मिली. अगले मिशन में ये अनुभव कार्य की कुशलता को और बढ़ाएंगे.
UPSC: राज्य सभा टीवी देखकर मिली 5वीं रैंक, रणनीति अपनाकर बन गई IAS
35 वर्षों से लोगों को रामकथा सुना रहे हैं ये मुस्लिम रामभक्त, नाम है फ़ारूक़ रामायणी