नई दिल्ली : विदेश से कालेधन को वापिस लाने के लिए सरकार ने कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया है. विदेश में रखे कालेधन की जानकारी देने की लिए सरकार ने 3 माह का समय दिया है. सरकार ने घोषणा की है 30 सितम्बर 2015 तक लोग विदेश में रखे कालेधन की सूचना आयकर विभाग को प्रदान कर सकते है. जो व्यक्ति अपने कालेधन की जानकारी की सूचना प्रदान करता है उसे 31 दिसम्बर 2015 तक 30 प्रतिशत टैक्स और उतनी ही राशि जुर्माने के रूप में देने होगी.
बजट में दी थी इसकी सूचना
बजट आने के समय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा यह घोषणा की गयी थी कि सरकार विदेश में जमा कालेधन को वापिस लाने क़े लिए नवीन नियम व कानून का निर्माण करेगी. बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लगने क़े बाद 26 मई 2015 को इसे कानूनी रूप प्रदान किया जाएगा.
सरकार ने कालेधन को वापिस लाने क़े लिए इस आदेश की अधिसूचना बुधवार को जारी की. यदि कोई 30 सितम्बर तक विदेश में रखे कालेधन की जानकारी नहीं प्रदान करता है तो उसे 30 फ़ीसदी कर और 90 फ़ीसदी राशि जुर्माने क़े रूप में चुकानी होगी.यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो 10 वर्षो की सजा का प्रावधान भी दिया गया है. इस क़ानून को 1 अप्रैल 2016 तक अम्ल में लाया जाएगा.