गुवाहाटी। असम में राज्य कार्य योजना स्टेट एक्शन प्लान आॅन क्लाइमेट चेंज के माध्यम से होने वाले जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रयास किए जा रहे हैं कि, लोग कार्बन प्रोडक्शन कम से कम करें। लोगों की गतिविधियां ऐसी हो, जिससे कार्बनिक यौगिकों का उत्सर्जन न हो। असम सरकार द्वारा सौर ऊर्जा नीति बनाने का निर्णय लिया गया है।
इस मामले में कहा गया है कि, जलवायु परिवर्तन के कारण 1950 से 2010 के मध्य राज्य का औसत तापमान वार्षिक 0.01 डिग्री सेल्सियस की दर से बढ़ा दिया गया है। विशेषज्ञों ने कहा कि, कार्बनिक यौगिकों का उत्सर्जन अधिक होने से बारिश कम होने लगी है।
वातावरण में परिवर्तन हो गया है, साथ ही तापमान में अंतर आ रहा है। गर्मी बढ़ने लगी है। विशेषज्ञों द्वारा कहा गया है कि, इस तरह के उपायों से जलवायु परिवर्तन के कुप्रभाव पर अंकुश लगाना संभव नहीं है। सौर ऊर्जा में निवेश के प्रस्ताव सामने आए हैं, कहा गया है कि, ठोस नीति के अभाव में किसी तरह का काम नहीं हो पा रहा है।
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