बीकानेर का camel festival यहाँ नाचते है ऊंट, देखिये क्या है पूरी बात
बीकानेर का camel festival यहाँ नाचते है ऊंट, देखिये क्या है पूरी बात
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बीकानेर राजस्थान का एक प्रसिद्ध शहर है। अपनी संस्कृति और धरोहर के लिए यह देश-दुनिया में पहचाना जाता है। यहां हर साल जनवरी के महीने में दो दिन का 'ऊंट उत्सव' या 'camel festival' आयोजित किया जाता है। इस साल यह उत्सव 9 और 10 जनवरी को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है। वही क्यों मनाते है ऊंट उत्सव?कहा जाता है कि बीकानेर को राव बीका जी ने बसाया था। इसके अलावा इन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम पड़ा। यहां बसने के बाद राव बीका जी ने ऊंटों का पालन पोषण किया जाता है । राजस्थान में ऊंटों का महत्व कितना है, इसे इस बात से ही समझा जा सकता है कि ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है। पुराने जमाने में यातायात के साधन न होने पर, ऊंट पर ही पूरी निर्भरता थी। आज भी सेना को ऊंट के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। भारतीय थल सेना में एक टुकड़ी ऐसी भी है जो ऊंट से देश की सीमा की चौकीदारी करती है।

क्या होता है ऊंट उत्सव में?
ऊंट उत्सव के दौरान अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इनमें दहकते अंगारों पर पारंपरिक नृत्य करना, ऊंट की सवारी, ऊंट नृत्य और विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियां की जाती हैं। इस कार्यक्रम के दौरान जमकर आतिबाजी की जाती है और पर्यटक इसका लुत्फ उठाते हैं।

कैसे जाएं?
दिल्ली के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से बीकानेर के लिए सीधी रेल और बस सेवा उपलब्ध है। वही इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए किसी तरह के टिकट की आवश्यकता नहीं रहती है, इसलिए किसी के बहकावे में न आएं। हालांकि बीकानेर में देश के अन्य हिस्सों जितनी सर्दी नहीं पड़ती है लेकिन सर्दी पड़ती जरूर है। इसलिए गर्म कपड़े जरूर लेकर जाएं। क्योंकि इस समय वहां काफी ठंड है।

शॉपिंग के लिए खास
यहां आप जमकर राजस्थानी चीजों की खरीदारी कर सकते हैं। इनमें राजस्थानी जूतियां जिन्हें स्थानीय भाषा में मोजड़ी कहते हैं।इसके अलावा  वहां की ट्रेडिशनल जूलरी, सांगानेरी, जयपुरी प्रिंट के कपड़े, साड़ियां, चुनरी और लहंगे इत्यादि की बहुत वैरायटी जारी है। इसके साथ ही खान-पान का मजा तो आप लेंगे ही। यहां का टेस्ट कितना प्रसिद्ध है, यह हर शहर और ज्यादातर टूरिस्ट प्लेस पर स्थिति बीकानेरी रेस्ट्रों की उपस्थिति से जाना जा सकता है 

 

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