बीते बुधवार को कैबिनेट के द्वारा एक नई पावर टैरिफ पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की गई है। इस पॉलिसी के तहत यह कहा जा रहा है कि सरकार स्वच्छ ऊर्जा की तरफ अपने कदम बढ़ा रही है और यह पॉलिसी इसी कदम के तहत आ रही है। इसके अंतर्गत ही यह भी बताया जा रहा है कि वितरण कंपनियों मे निवेश की तेजी के साथ ही यहाँ नियमन को और भी बेहतर बनाए जाने के लिए यह पॉलिसी सामने लाई गई है।
इस मामले मे जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने यह भी बताया है कि पॉलिसी के तहत ना केवल निवेश को बढ़ाए जाने पर ज़ोर दिया जा रहा है बल्कि साथ ही यह भी ध्यान दिया जा रहा है कि हम पर्यावरण को कैसे सुरक्षित रख सकते है। साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि इस पॉलिसी के अंतर्गत रिन्यूअल एनर्जी को भी प्रोत्साहन दिये जाने को तवज्जो दी जा रही है।
इसके साथ ही यह बात भी सामने आई है कि जहां एक तरफ नियामकीय व्यवस्था को मजबूत किया जाना है तो वहीं यह भी बताया जा रहा है कि उपभोक्ताओं के प्रति कर्तव्यों मे भी सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि साल 2006 मे केंद्र के द्वारा राष्ट्रीय शुल्क नीति को मंजूरी प्रदान की थी. जिसको लेकर बिजली मंत्री पीयूष गोयल से यह बात सामने आई थी कि यह नीति स्वच्छ ऊर्जा पर ध्यान देने वाली होने वाली है। इसके अनुसार अब हमारे सामने 1.75 लाख मेगावाट रिन्यूअल एनर्जी जोड़ने की चुनोती है.