हमारे धर्म में गाय को सर्वब्रम्हाण माता का दर्जा दिया गया है और इसके दूध से प्राप्त होने वाले घी को पंच्द्रव्य में शामिल किया गया है जिसका कि हमारे धार्मिक ग्रंथो में बड़े ही सम्मान के साथ वर्णन किया गया है घी में ही स्वयं शुक्र और लक्ष्मी अपना वास रखते हैं। घी का उपयोग भारतीय संस्कृति के कर्म-काण्डों में सबसे उत्तम कहा गया है। इसलिए कही आप घी का गलत उपयोग करके लक्ष्मी को अपने और अपने घर से दूर तो नहीं कर रहे है
आप चाहते है लक्ष्मी आपके घर में हमेशा बने रहे तो घी का इस प्रकार उपयोग कभी ना करे
1. मांसाहार में घी न डालें।
2. कभी भी पुरानी कड़ाई जो काली पड़ गई हो उसमें घी को जलाने अथवा तलने का काम न करें।
3. कभी भी स्टील में दीपक न जलाएं।
4. अमावस्या के दिन पितरों के निमित घी का उपयोग न करें।
5. शिव, गणपति, विष्णु, देवी और सूर्य को घी का दीपक देना चाहिए। इसके अतिरिक्त और किसी देवी-देवता पर घी का दीपक नहीं किया जाता।
6. दाह संस्कार में गाय के घी का उपयोग न करें। भैंस अथवा नारियल के घी का उपयोग करें।
7. बरगद या पीपल के पेड़ पर घी का दीपक न जलाएं।