महामंडलेश्वर बना कारोबारी, पुलिस कर रही जांच
महामंडलेश्वर बना कारोबारी, पुलिस कर रही जांच
Share:

इलाहाबाद : कभी बियर बार और पब चलाने वाले रियल एस्टेट कारोबारी ने सन्यास ग्रहण कर सभी को आश्चर्य में डाल दिया है। बताया जा रहा है कि इस शख्स पर काफी पहले हमला भी हुआ था। सचिन दत्ता नामक इस शख्स के सन्यास लेने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी है। हालांकि इसे निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया है। महामंडलेश्वर सच्चिदानंद गिरि महाराज के तौर पर इसे संत बनाया गया। बताया जा रहा है कि सन्यास लेने के बाद इस संत ने घर - परिवार से अपना नाता तोड़ लिया है। इस कारण इस नियुक्ति को गलत नहीं ठहराया जा सकता। मूल रूप से गाजियाबाद के निवासी सचिन दत्ता ने करीब 22 वर्ष की आयु में परिवार का त्याग कर दिया था और फिर वे सन्यासी हो गए। अग्नि अखाड़ा के महामंडलेश्वर कैलाशनंद द्वारा 22 वर्ष के आयु में परिवार छोड़कर चले गए थे। जिसके बाद उन्होंने सन्यास ले लिया। सच्चिदानंद गिरी को गाजियाबाद निवासी बताया जाता है। कैलाशानंद के सान्निध्य में सन्यास ग्रहण करने के बाद उनका नाम सच्चिदानंद गिरी रखा गया।

गुरू पौर्णिमा के अवसर पर उन्हें निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया। दरअसल महामंडलेश्वर बनने के लिए किसी सन्यासी का उस अखाड़े के साथ करीब 10 वर्ष तक जुड़ा होना आवश्यक है। सन्यासी को धर्मशास्त्र का ज्ञान सनातन धर्म के प्रति समर्पण की भावना रखनी चाहिए। नरेंद्र गिरि ने सच्चिदानंद का पक्ष लेते हुए कहा कि सन्यास लेने के बाद व्यक्ति परिवार और सभी से नाता तोड़ देता है। आखिर अखाड़ा परिषद में महामंडलेश्वर पद बहुत महत्वपूर्ण है और कुंभ के दौरान निकलने वाली पेशवाई के साथ शाही स्नान में अखाड़े के आचार्य पीठाधीश्वर के साथ महामंडलेश्वर चांदी के रथ पर सवार होकर शामिल होते हैं यह बेहद आकर्षक होता है।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -