नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी ने देश में जिस प्रकार से 'बढ़ती असहिष्णुता' पर माहौल गरमाया हुआ है. तथा इस मुद्दे पर बीजेपी संसद में विपक्ष की ओर से कड़े विरोध का सामना भी कर रही है. इसके बाद देश में 'बढ़ती असहिष्णुता' के मामले में भारतीय जनता पार्टी ने संसदीय दल कि एक बैठक आयोजित कि गई जिसमे तय किया गया है कि पार्टी का कोई भी नेता विवादास्पद बयान देने से बचे व किसी भी प्रकार कि कोई भी छोटी छोटी गलतियां न करे जिससे कि विरोधियों को मदद मिले.
इसके लिए पार्टी में सांसदों को विशेष हिदायत दी गई है. इस बैठक में मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने बयान में कहा कि देश में 'बढ़ती असहिष्णुता' के पीछे कुछ लोगो का हाथ है. तथा यह वहीं लोग है जो कि मोदी जी के पीएम बनने से पहले उनका विरोध कर रहे थे. बीजेपी नेता ने कहा कि देश में कही कोई भी असहिष्णुता नहीं है.
इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी गैरमौजूद रहे. इसका कारण यह रहा कि आडवाणी जी कि पत्नी को अचानक से ही एम्स में भर्ती कराना पड़ा. जिसक कारण वे इस बैठक में अनुपस्थित रहे. इस बैठक में मुख्य रूप से देश में 'बढ़ती असहिष्णुता' के अलावा बिहार चुनाव में मिली हार पर प्रमुखता से चिंतन किया गया.
बैठक में बीजेपी नेता वेंकैया नायडू ने कहा कि हमारे नेताओ को एक एक शब्द को सचेत होकर कहना होगा ताकि किसी प्रकार का कोई भी विवाद उत्पन्न न हो पाए. बैठक में जीडीपी दर पर भी चर्चा हुई. इस पर अरुण जेटली ने कहा कि चीन की जीडीपी भी हमसे कम है, यह शुभ संकेत है. इस बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोनिया-मनमोहन से मुलाकात पर भी चर्चा हुई.