'लोकतंत्र, संविधान और संसदीय प्रणाली की विरोधी है भाजपा..', विपक्षी दल पर क्यों भड़के सीएम सिद्धारमैया ?
'लोकतंत्र, संविधान और संसदीय प्रणाली की विरोधी है भाजपा..', विपक्षी दल पर क्यों भड़के सीएम सिद्धारमैया ?
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बैंगलोर: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार (20 जुलाई) को भाजपा विधायकों को बिल और एजेंडे की प्रतियां फाड़ने और विधानसभा सत्र की अध्यक्षता कर रहे उपाध्यक्ष रुद्रप्पा लमानी पर फेंकने के लिए "असभ्य" कहा। इस कार्य के कारण, चार पूर्व मंत्रियों सहित भाजपा के 10 विधायकों को विधानसभा के शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया, जो आज यानि शुक्रवार को समाप्त हो रहा है।

बता दें कि, गुरुवार को भाजपा के साथ-साथ JDS ने भी सदन का बहिष्कार किया। सीएम सिद्धारमैया ने भाजपा को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए कहा कि विपक्षी विधायकों ने असभ्य व्यवहार किया। सिद्धारमैया ने 7 जुलाई को पेश किए गए बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए विधानसभा में कहा कि, "भाजपा लोकतंत्र विरोधी, संविधान विरोधी और संसदीय प्रणाली विरोधी है। इसके साथ ही, वे अध्यक्ष (स्पीकर या डिप्टी) का सम्मान नहीं करते हैं, जो सबसे सम्मानजनक पद है।'

उन्होंने कहा कि, “कल के उनके (भाजपा के विधायकों के) व्यवहार को मैं क्या कहूँ? 'अशोभनीय' शब्द आज भी एक सभ्य शब्द है। उन्होंने असभ्य तरीके से व्यवहार किया।'' घटना पर दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वह 1983 से विधानसभा में हैं और दो बार विपक्ष के नेता के रूप में काम कर चुके हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा व्यवहार कभी नहीं देखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने कभी इस तरह का व्यवहार नहीं किया। यह कहते हुए कि लमानी (विधानसभा स्पीकर) कल से उदास हैं, सिद्धारमैया ने उनसे खुश रहने को कहा क्योंकि सत्तारूढ़ कांग्रेस उनके साथ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, 'वह (लमानी) एक दलित हैं जो सदियों से दलित हैं। अगर सदन में मार्शल नहीं होते तो वे (भाजपा विधायक) उनके साथ मारपीट करते। यह उनका अनियंत्रित व्यवहार था।'' इसके साथ ही सिद्धारमैया ने विपक्ष का नेता नियुक्त करने में विफल रहने के लिए भाजपा पर भी कटाक्ष किया। सिद्धारमैया ने विपक्षी दल पर लोकतंत्र की संसदीय प्रणाली और भारतीय संविधान में विश्वास नहीं रखने का आरोप लगाया, क्योंकि वे रचनात्मक विपक्ष के रूप में सेवा करने के बजाय अपना समय विरोध और प्रदर्शनों में बिताते हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार बजट चर्चा पार्टियों के प्रतिनिधित्व के लिए किसी नेता के बिना हुई, क्योंकि उन्होंने अभी तक विपक्ष के नेता का चयन नहीं किया है। सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि 'पार्टी (भाजपा) राजनीतिक रूप से दिवालिया हो गई है क्योंकि वे विपक्ष का नेता नहीं चुन सके। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।''

सिद्धारमैया ने कहा कि प्रधानमंत्री अक्सर 'कांग्रेस मुक्त भारत' की बात करते हैं, मगर कांग्रेस ऐसा कभी नहीं चाहेगी। उन्होंने कहा, ''हम यह नहीं कहेंगे कि हम 'भाजपा मुक्त भारत' या 'भाजपा मुक्त कर्नाटक' बनाएंगे। क्योंकि वे सांप्रदायिक और विनाशकारी ताकतें हैं, जो सामाजिक सद्भाव को नष्ट कर रही हैं और आस्थाओं के बीच टकराव पैदा कर रही हैं, हमारा उद्देश्य है कि ऐसी ताकतें कभी सत्ता में न आएं।'' सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि वह चाहते हैं कि बीजेपी हमेशा विपक्ष में रहे और कभी सत्ता में न आए। 

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