चार त्रिभुज पर धागे से लटकी हुई बिकनी हुई 70 की
चार त्रिभुज पर धागे से लटकी हुई बिकनी हुई 70 की
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बिकनी को आज जहाँ मॉडल्स अपनी सुंदरता को दिखाने के लिए उपयोग करती है, तो वहीँ बिकनी मॉडल्स फोटोग्राफर्स के भी आकर्षण का केंद्र होती है. आज हर कही बिकनी मॉडल्स या आमजन को आसानी से घूमते या बिच पर एन्जॉय करते हुए देखा जा सकता है, लेकिन क्या अपने कभी सोचा है कि पहले बिकनी के बारे में लोगो के क्या ख़यालात होते थे...? चलिए आज आपको बताते है बिकनी से जुड़े कुछ इंटरस्टिंग फैक्ट्स....

सबसे पहले एक फ्रांसीसी इंजीनियर ने सन 1946 में बिकिनी बनाई थी. तब इसको देखकर लोगो में आक्रोश देखा गया. क्योकि बिकनी में जितना बदन छुपता है, उससे कई अधिक दिख जाता है. आज बिकनी के जन्म को 20 साल हो चुके है, और विरोध के बावजूद भी इसे दुनिया में एक स्थान मिला और इसकी जवानी भी दिन प्रतिदिन निखरते गई.

आइये अब बात करते है बिकनी के महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में :-

* सबसे पहले 5 जुलाई 1946 को पैरिस के स्विमिंग पूल में बिकनी को देखा गया. कहा गया कि बिकनी चार त्रिभुज के जैसी है जो धागो के सहारे लटकी रहती है. बता दे इसका निर्माण इंजीनियर लुई रिआर्द ने किया था.

* इस समय दूसरा विश्व युद्ध खत्म हो गया था और शीत युद्ध शुरू हो रहा था. इस दौरान अमेरिका साउथ पैसिफिक के बिकिनी अटॉल में परमाणु परीक्षण कर रहा था. इसी जगह के नाम पर रिआर्द ने बिकिनी को पहला एन-अटॉमिक बम नाम दिया था.

* कहा जाता है कि बिकनी को रिआर्द ने बनाया था लेकिन इसका क्रेडिट कभी नहीं मिल पाया. क्योकि रोमन के द्वारा सैकड़ों साल पहले ऐसा किया जा चूका था. बता दे कि चौथी सदी के कुछ भित्तिचित्रों में बिकनी पहने लड़कियां देखने को मिलती है.

* जब मर्लिन मुनरो ने ऐक्ट्रेस बनने से पहले मॉडलिंग के दौरान पहना तब यह बेहद चर्चा में रही. इसे मॉडल्स के लिए ख़ुदा का एक तोहफा बताया गया.

* बताया जाता है कि 1950 के दशक में हॉलीवुड फिल्मों की सफलता का श्रेय बिकनी को ही दिया जाने लगा था. * एक समय आया जब बिकनी और बॉन्ड गर्ल्स दोनों को बहुत अधिक पब्लिसिटी मिली. अब किसे किसके साथ से पब्लिसिटी मिली यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है.

* इसके बाद 1963 से बिकनी को अलग-अलग रूपों में देखा गया. दो बिकनी मॉडल्स भी इस दौरान हैम्बर्ग में 1963 में लॉन्च की गई थी.

* यह भी बता दे कि 1971 में एक महिला पत्रिका ने क्रोएशिए की बिकनी की तारीफ की. इसके बाद बिकनी को हर घर ने बुना जाने लगा.

* एक बार यह भी देखने को मिला कि इसका काफी विरोध भी हुआ. लेकिन इसके बाद भी इसका जादू मॉडल्स के सर चढ़कर बोल रहा था. आज की बात करें तो बिकनी का ही जमाना है.

* सन 1996 में तो वॉलीबॉल ओलंपिक में भी बिकनी को जगह मिल गई. इसके बाद इसकी लोकप्रियता में और भी इजाफा हुआ.

* वर्ष 2012 तक तो वैसे भी बिकनी को पहनना जरूरी कर दिया गया था.

* और तब से लेकर अब तक तो आप बिकनी के अलग-अलग रूप से वाकिफ ही है. आज तो हर मॉडल की जान बिकनी में ही बसती है. यहाँ तक की आज बिकनी को सक्सेस का राज़ भी कहा जाने लगा है.

वैसे आपको "बिकनी" शब्द के बारे में जानकारी देते हुए बता दे कि इसका अर्थ है लैंड ऑफ कोकोनट्स यानी जहां नारियल उगते हैं.

एक नजर इधर भी...

बॉलीवुड हसीनाओं का.....'बिकिनी vs बोल्डनेस'

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