उज्जैन: उज्जैन में प्रति बारह वर्ष बाद लगने वाले सिंहस्थ पर्व के एक और आयोजन का वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर होने वाले स्नान के साथ समापन हो गया. अब उज्जैन से यात्री, साधु-संतों के जत्थे धीरे-धीरे रवाना हो रहे हैं. सिंहस्थ में करीब 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने धार्मिक पर्यटन नगर में पहुंचकर संतों के और तीर्थ के मंदिरों के दर्शन का लाभ लिया।
आपको बता दे की अब श्रद्धालुओं की संख्या में कुछ कमी आने लगी है. ऐसे में श्री मंगलनाथ मंदिर में एक बार फिर भात पूजन का क्रम प्रारंभ होने जा रहा है. विश्व का एकमात्र ऐसा स्थल उज्जैन है जहां पर भात पूजन होता है।
सिंहस्थ 2016 के आयोजन के दौरान भात पूजन रोक दिया गया था. श्रद्धालुओं को दर्शन सुलभ हो पाए इसके लिए मंदिर के गर्भगृह में भी श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया था. मगर अब 26 मई से श्रद्धालुओं को फिर से मंदिर में भात-पूजन का लाभ मिलने लगेगा. इसके लिए विधिवत तरीक से रसीद कटवाकर श्रद्धालु पूजन लाभ ले पाऐंगे. मंदिर में सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अधिकांश समय दर्शन सुलभ रखे गए थे।
मंदिर में श्रद्धालुओं ने काफी दान किया. ऐसे में करीब 5 बार दान पेटी को खोला गया. कई लोगों ने भात पूजन की जानकारी भी ली।