महान फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया ने सोमवार को प्रशासकों की समिति को हटाने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत भी कर लिया है। COA 18 मई के उच्चतम न्यायालय के फैसले के उपरांत से इंडिया में AIFF का कामकाज देख रहा था। बाईचुंग भूटिया ने बांग्ला फुटबॉल लीग के लॉन्च पर बोला है- उच्चतम न्यायालय का निर्णय इंडियन फुटबॉल के हित में था। प्राथमिकता फीफा अंडर 17 महिला वर्ल्ड कप है जो इंडिया की प्रतिष्ठा का प्रश्न है। जिसके साथ साथ भारत पर लगा प्रतिबंध भी हटाना होगा। उन्होंने बोला है- हम सभी के लिए खिलाडिय़ों, COA, प्रदेश संघों की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि इंडिया में महिला अंडर 17 विश्व कप हो और प्रतिबंध हटाना चाहिए।
भूटिया ने AIFF अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भी भर दिया है। न्यायालय ने AIFF चुनाव के लिए मतदाता सूची में केंद्र और केंद्रशासित प्रदेशों के 36 प्रतिनिधियों को शामिल करने का निर्देश दिया जबकि भूटिया ने न्यायालय के पूर्व निर्णय का समर्थन किया था जिसमें 36 खिलाडिय़ों को भी मताधिकार देने की बात थी। यह पूछने पर कि क्या पूर्व खिलाडिय़ों को बाहर रखने के न्यायालय के निर्णय से वह निराश है, उन्होंने बोला है कि- हां। मैंने अपील की थी कि खिलाडिय़ों की भी आमसभा में नुमाइंदगी हो लेकिन इस समय प्राथमिकता भारत पर लगा प्रतिबंध हटाना और अंडर 17 महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी है।
उन्होंने बोला है कि- खिलाड़ी संघर्ष करते रहेंगे और महासंघ तथा खेल मंत्रालय से अपील करते रहेंगे कि भविष्य में AIFF के संविधान में पूर्व फुटबॉलरों को मताधिकार हो। वे प्रशासन और निर्णय लेने में सहायता कर सकते हैं।
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