टमाटर की खूबी है कि इसके विटामिन गर्म करने से भी नष्ट नहीं होते. बेरी-बेरी, गठिया तथा एक्जिमा में इसका सेवन आराम देता है. ज्वर के बाद की कमजोरी दूर करने में इससे अच्छा कोई विकल्प नहीं. मधुमेह के रोग में यह सर्वश्रेष्ठ पथ्य है.
टमाटर में विटामिन 'सी' होता है, जो कि इम्युनिटी के स्तर को बढ़ाता है जिससे साधारण सर्दी और कफ की शिकायत नहीं होती. गॉल स्टोन और लिवर कन्जेशन में भी टमाटर का सेवन कारगर है. हम कह सकते हैं कि टमाटर पोषक तत्वों का खजाना है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाला विटामिन 'ए' आँखों और त्वचा के लिए व पोटेशियम मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन में भी फायदा पहुँचाता है.
टमाटर में जो लाल रंग का तत्व होता,उसे लायकोपिन कहते हैं, यह तत्व शरीर को विजातीय पदार्थों(टाक्सीन्स) से मुक्त करने में सहायक है. लायकोपिन शरीर को फ़्री रेडिकल्स से मुक्त करने के मामले में बीटा केरोटीन(एन्टी ओक्सीडेन्ट) से भी आगे है.
अनुसंधान में पाया गया है कि टमाटर के नियमित सेवन से प्रोस्टेट केंसर से बचाव होता है. इसराईल के वैग्यानिकों के अनुसार टमाटर फ़ेफ़डे, बडी आंत और गर्भाषय के केंसर से बचाव करता है और सबसे सुखप्रद तथ्य ये कि टमाटर सेवन करने से व्यक्ति लंबे समय तक बुढापे की चपेट मे नहीं आता है.