नई दिल्ली : भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के वेतन में मात्र दो प्रतिशत की वृद्धि के विरोध में देश के सभी सरकारी , निजी और कुछ विदेशी बैंकों के करीब दस लाख कर्मचारी आज से दो दिवसीय हड़ताल पर जा रहे हैं. इस हड़ताल से देश की बैंकिंग व्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा.
बता दें कि यह हड़ताल माह के अंतिम दो दिनों (30 व 31 मई) में होने से सभी सरकारी व गैर सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक खातों में स्थानांतरित नहीं हो पाएगा, इसलिए इस माह वेतन मिलने में देरी होने की बात कही जा रही है. वेतन वृद्धि को लेकर पांच मई 2018 को हुई बैठक में आईबीए ने दो प्रतिशत वृद्धि की पेशकश की थी , जिसे बैंक कर्मचारी संगठनों ने ठुकरा दिया था.यूनाइटेड फोरम और बैंक यूनियन्स के संयोजक देवीदास तुलजापुरकर के अनुसार ऐसा एनपीए के एवज में किए गए प्रावधान के कारण हुआ जिसमें बैंकों को हुए नुकसान के लिए कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है .
उल्लेखनीय है कि इस के पूर्व बैंक कर्मचारियों के पिछली वेतन समीक्षा में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि की गई थी .जो 1 नवंबर 2012 से 31 अक्टूबर 2017 के लिए था. स्मरण रहे कि नौ श्रमिक संगठनों के निकाय यूनाइटेड फोरम और बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू )में आल इंडिया बैंक आफिसर्स कान्फेडरेशन (एआईबीओसी), आल इंडिया बैंक एम्प्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए) तथा नेशनल आर्गनाइजेशन आफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) के कर्मचारी भी शामिल हैं.
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