बांग्लादेश के मुख्य कोच रसेल डोमिंगो टीम के अंदर ऐसा माहौल तैयार करना चाहते हैं जहां खिलाड़ी शारीरिक और मानसिक पहलुओं से जुड़े मुद्दों पर खुलकर बात करें. डोमिंगो इसके साथ ही चाहते हैं कि वह खिलाड़ियों से अपने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर पूरी ईमानदारी की उम्मीद करते हैं. उन्होंने क्रिकबज से कहा, ''जहां तक मानसिक थकान की बात है तो मैं चाहता हूं कि खिलाड़ियों को इस मामले में ईमानदार होना चाहिए और उन्हें खुलकर अपनी बात रखनी चाहिए.''
डोमिंगो ने कहा, ''सभी खिलाड़ी इन पहलुओं पर बात करने में खुद को सहज नहीं पाते हैं लेकिन हम ऐसा माहौल तैयार करना चाहते हैं जहां हमारी टीम, हमारे खिलाड़ी इस पर खुलकर बात करें कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं और क्या उन्हें विश्राम चाहिए और क्या यह शारीरिक या मानसिक मुद्दा है.''
ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल ने अपनी अज्ञात समस्याओं से निबटने के लिये जब खेल से विश्राम लिया था तब क्रिकेटरों के मानसिक स्वास्थ्य का मसला सामने आया था. इसके बाद युवा बल्लेबाज निक मैडिसनसन भी इस दौर से गुजरे. इंग्लैंड के खिलाड़ी जैसे स्टीव हार्मिसन, मार्कस ट्रैस्कोथिक और ग्रीम फाउलर भी अवसाद के दौर से गुजर चुके हैं.
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