नई दिल्ली: अयोध्या राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में 8वें दिन की सुनवाई आज होगी. मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ में रामलला विराजमान की ओर से एक बार फिर पक्ष रखा जाएगा. पिछली सुनवाई में रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने अदालत को विवादित ज़मीन के नक्शे और फोटोग्राफ दिखाते हुए कहा था कि खुदाई के दौरान मिले खंभों में श्रीकृष्ण, शिव तांडव और श्रीराम की बालरूप की तस्वीरें दिखाई देती हैं.
वैद्यनाथन ने कहा था कि 1950 में वहां हुए निरीक्षण के दौरान भी कई सारी ऐसी तस्वीर और ढांचे मिले थे, जिनके चलते उसे कभी भी एक वैध मस्ज़िद नहीं माना जा सकता. किसी भी मस्ज़िद में इस किस्म के खंभे नहीं मिलेंगे. रामलला विराजमान की ओर से कहा गया था कि 1950 में निरीक्षण के दौरान वहां मस्जिद का दावा किया गया किन्तु उसके बाद भी ये पाया गया कि वहां कई ऐसी तस्वीरें, नक्काशी और इमारत थीं जो यह सिद्ध करती है कि वो मस्जिद वैध नहीं थी.
इस पर मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने दखल देते हुए कहा था कि कई पहलुओं को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है जो स्पष्ट नहीं हैं. रामलला विराजमान ने कहा था कि हमारी ओर से सही उदाहरण और तथ्य प्रस्तुत किए जा रहे हैं. पुरातात्विक विभाग (ASI) की रिपोर्ट वाली अल्बम की तस्वीरें- मेहराब और कमान की तस्वीरें भी वैद्यनाथन ने अदालत के समक्ष रखी थी, जो 1990 में खींची गई थी. उसमें कसौटी पत्थर के स्तंभों पर श्रीराम जन्मभूमि कि प्रतिमाएं बनी हुईं है. कमिश्नर की रिपोर्ट में पाषाण स्तंभों पर श्रीराम जन्मभूमि यात्रा का भी उल्लेख है.
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