असम के सीएम सरमा बोले- हमें मुस्लिमों के वोट नहीं चाहिए, 4 कारण भी बताए !
असम के सीएम सरमा बोले- हमें मुस्लिमों के वोट नहीं चाहिए, 4 कारण भी बताए !
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गुवाहाटी: असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा है कि भाजपा को ‘चार क्षेत्रों में’ अगले 10 वर्षों तक मुस्लिमों के वोट की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम यदि भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारे रहे हैं, तो बिलकुल लगा सकते हैं, मगर ‘परिवार नियोजन’ अपनाने, कट्टरता छोड़ने के बाद ही मुस्लिम भाजपा के पक्ष में वोट दें। बता दें कि असम में ब्रह्मपुत्र नदी व उसकी सहायक नदियों के आसपास के रेतीले इलाके को ‘चार’ क्षेत्र के नाम से जाना जाता है।

रिपोर्ट के अनुसार, सीएम सरमा ने यह बात रविवार (2 अक्टूबर, 2023) को गुवाहाटी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा कि,  'भाजपा लोक कल्याण करेगी और मुस्लिम हमारा समर्थन करेंगे। मगर, मियाँ लोगों को हमें वोट देने की आवश्यकता नहीं है। हमारा समर्थन करने में कोई दिक्कत नहीं है। वे हिमंता बिस्वा सरमा, पीएम मोदी और भाजपा जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, तो कोई समस्या नहीं, लगाने दीजिए।” इस दौरान मुख्यमंत्री सरमा ने यह भी बताया कि वह मुस्लिमों से वोट माँगने कब जाएँगे। उन्होंने कहा कि, 'जब चुनाव आएँगे तो मैं खुद उनसे आग्रह करूँगा कि वे हमें वोट न दें। यदि वे परिवार नियोजन अपनाते हैं, बाल विवाह को रोकते हैं, कट्टरता छोड़ देते हैं, बच्चियों को पढ़ने के लिए भेजते हैं, तभी वे हमें वोट दें। हालाँकि, इन चीजों का पूरा करने में 10 वर्ष लग जाएँगे। इसलिए हम अभी नहीं, 10 वर्षों के बाद उनसे वोट माँगेंगे।'

सीएम सरमा ने कहा कि भाजपा को वोट देने वालों को दो या तीन से ज्यादा बच्चे नहीं पैदा करने चाहिए। अपनी बेटियों को स्कूल में पढ़ने के लिए भेजना चाहिए। बाल विवाह पर लगाम लगना चाहिए और कट्टरता छोड़कर सूफीवाद अपनाना चाहिए। उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि जब ये सभी शर्तें पूरी हो जाएँगी, तो वो खुद वोट माँगने ‘चार’ क्षेत्र जाएँगे। इस दौरान पत्रकारों ने उन्हें बताया कि ‘चार’ के कुछ क्षेत्रों, जहाँ बंगाली मुस्लिम रहते हैं, वहाँ स्कूल नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री हिमंता ने कहा कि वे शीघ्र ही इन स्थानों में पढ़ाई के लिए व्यवस्था करेंगे। उन्होंने कहा कि, 'ऐसा नहीं हो सकता कि अल्पसंख्यक छात्रों को पढ़ने का अवसर नहीं मिलेगा। हम आने वाले दिनों में मुस्लिम क्षेत्रों में सात कॉलेज खोलेंगे।' बता दें कि यह पहली दफा नहीं है, जब सीएम सरमा ने मुस्लिमों से वोट लेने के लिए इंकार किया हो। इससे पहले इसी साल अगस्त में भी मुख्यमंत्री ने कहा था कि अभी उन्हें मुस्लिमों के वोट नहीं चाहिए। सभी समस्याएँ वोट बैंक की सियासत के चलते होती हैं। वह प्रति माह एक मुस्लिम क्षेत्र में जाते हैं और उनके कार्यक्रमों में शामिल होते हैं। मगर, वह यह सब वोट के लिए नहीं करते। वह चाहते हैं कि मुस्लिमों को यह पता चले कि कांग्रेस और मुस्लिमों का रिश्ता केवल वोट बैंक से जुड़ा हुआ है।

सीएम सरमा ने यह भी कहा था कि मुस्लिम उन्हें वोट न दें। अगले 10 वर्ष तक वह विकास करेंगे। वह चाहते हैं कि बाल विवाह पूरी तरह से खत्म हो और लोग मदरसों के स्थान पर कॉलेजों में पढ़ने जाएँ। सीएम सरमा ने यह भी कहा था कि कांग्रेस ने मुस्लिम क्षेत्रों में स्कूल नहीं बनाए। मगर वे उनका विकास करना चाहते हैं। 10-15 साल तक विकास करेंगे, इसके बाद मुस्लिमों से वोट माँगेंगे।

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