वर्तमान अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को पूरी तरह से गड़बड़ बताते हुए आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने सबके सामने अपनी बात रखी है. जानकारी में बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री ने यह कहा है कि राजनितिक दलों के साथ ही राज्य सरकारों से भी वस्तु एवं सेवा कर में सुधारों को लेकर मदद की उम्मीद है. साथ ही सूत्रों से यह भी सामने आया है कि जेटली ने अपने बयान में यह भी कहा है कि प्रणाली पूरी तरह गड़बड़ है क्योकि पहले किसी के द्वारा कच्चे मॉल को उपजाया जाता है फिर उसका निर्माण किया जाता है.
इसके बाद उसे दूसरे राज्य में भेजा जाता है यहाँ वह इसका वैट चुकता करता है. इसके बाद वह यहाँ से जब किसी लोकप्रिय शहर की ओर रुख करता है तो यहाँ ऑक्ट्राई चुकता है. इसके साथ ही यहाँ मूल्य का संवर्धन किया जाता है जहाँ फिर से कर लगता है और यह सिलसिला इसी तरह लगातार चलता रहता है. और यह जब उपभोक्ता तक पहुंचता है तो इसका मूल्य चार गुना हो जाता है. साथ ही वित्त मंत्री ने इस सिलसिले में यह भी कहा है कि कर बार जो कर चुकाया जाता है, अगले जंक्शन पर उसे फिर से चुकाना होता है. ऐसी अवस्था में जिस उत्पाद का मूल्य "X" होता है वह "X+Y" हो जाता है.