पुरातन शिक्षा पद्धति बनाती हैं संस्कारवान: के एल शर्मा
पुरातन शिक्षा पद्धति बनाती हैं संस्कारवान: के एल शर्मा
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विकासनगर: कल जूनियर हाई स्कूल रुद्रपुर में श्री अर¨वदो सोसाइटी के द्वारा आयोजित दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ. इस दो दिवसीय समारोह में प्रशिक्षको द्वारा शिक्षको को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा हेतु पुरातन व नवीन तकनीक का समावेश करने के गुर भी सिखाए गए. 

इस अवसर पर मुख्य प्रशिक्षक कृष्णलाल शर्मा ने कहा कि, 'पुरातन शिक्षा पद्धति छात्र-छात्राओं को संस्कारवान बनाने के साथ ही उन्हें परिवार, समाज व राष्ट्र के प्रति जिम्मेदार नागरिक के तौर पर तैयार करती है'. जबकि, नवीन पद्धति छात्रों को प्रतियोगी चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाती है. लिहाजा गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए पुरातन व नवीन तकनीक का समावेश किया जाना जरूरी है.  

सीआरसी संजय प्रजापति ने शिक्षकों को बताया कि, 'बाल-केंद्रित तरीके से होने वाला शिक्षण ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा है'. जिसमें शिक्षक एक सुगमकर्ता की भूमिका में होता है, जो शिक्षण के साथ ही छात्र के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखते हुए उसके सर्वांगीण विकास का खाका तैयार करता है. स्कूल आने वाला बच्चा स्वस्थ होगा तो कक्षा में भागीदारी और सीखने के लिए उसकी पूरी तैयारी होगी.

इस विशेष अवसर पर सीआरसी होरावाला यशवीर, अनंत सोलंकी, सोहेल अख्तर, किरन रमोला, सविता चौधरी, आशा सुयाल, रौनक बख्श आदि उपस्थित थे. 

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