नागरिकता : अमित शाह ने दिए कानून में परिवर्तन के संकेत, प्रदर्शनकारियों ने फूंकी बसें
नागरिकता : अमित शाह ने दिए कानून में परिवर्तन के संकेत, प्रदर्शनकारियों ने फूंकी बसें
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नागरकिता संशोधन कानून के विरुद्ध असम समेत पूर्वोत्तर में उग्र प्रदर्शन थमता नजर आ रहा है। पर, पश्चिम बंगाल में विरोध और हिंसा की खबरें बार बार आ रही हैं। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने 25 बसों में आग लगा दी, वहीं तीन रेलवे स्टेशन, पांच ट्रेनें और 20 दुकानें आग के हवाले कर दिए। इस कारण से 28 एक्सप्रेस समेत 78 ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं। एक तरफ , असम समेत पूर्वोत्तर में फंसे लोगों को निकालने के लिए रेलवे ने गुवाहाटी से विशेष ट्रेनें चलाई हैं। अब तक 2400 यात्री निकाले जा चुके हैं, जबकि 800 को निकाला जाना बाकी है। ये 800 लोग गुवाहाटी में फंसे हैं। गुवाहाटी में सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई है। इसके अलावा डिब्रूगढ़ के उपायुक्त पल्लव गोपाल झा ने रविवार को कहा कि डिब्रूगढ़ (असम) में कर्फ्यू में आज सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक ढील दी गई है।


 
इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कानून में बदलाव के संकेत दिए हैं। शनिवार को झारखंड में एक चुनावी रैली के दौरान गृह मंत्री शाह ने कहा कि क्रिसमस के बाद वह इस मुद्दे पर विचार कर सकते हैं। शाह ने पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वासन दिया कि इस अधिनियम से उनकी संस्कृति, भाषा, सामाजिक पहचान और राजनीतिक अधिकार प्रभावित नहीं होंगे। गृह मंत्री ने कहा, 'मैं असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनकी संस्कृति, सामाजिक पहचान, भाषा, राजनीतिक अधिकारों को नहीं छुआ जाएगा तथा नरेंद्र मोदी सरकार उनकी रक्षा करेगी।' शाह ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और उनकी सरकार के मंत्रियों ने इस मुद्दे पर चर्चा को लेकर शुक्रवार को उनसे मुलाकात की है। गृहमंत्री ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि मेघालय में समस्या है। मैंने उन्हें समझाने का प्रयास किया कि कोई मुद्दा नहीं है। उसके बाद भी उन्होंने मुझसे (कानून में) कुछ परिवर्तन करने को कहा।’ 

अमित शाह ने कहा कि मैंने संगमा को क्रिसमस के बाद समय मिलने पर मेरे पास आने को कहा। हम मेघालय के वास्ते रचनात्मक तरीके से समाधान ढूंढने के लिए सोच सकते हैं। किसी को डरने की जरूरत नहीं है।गृह मंत्री शाह ने कांग्रेस पर नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया। शाह ने गिरिडीह, बाघमारा और देवघर विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी जनसभाओं में कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के पारित होने से विपक्षी दल को पेट दर्द होने लगा है। उन्होंने कहा, ‘हम नागरिकता संशोधन अधिनियम लेकर आए हैं और कांग्रेस को पेट दर्द होने लगा है। वह उसके खिलाफ हिंसा भड़का रही है।’

राहुल गांधी पर प्रहार करते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष बस शोर मचा रहे हैं और उन्हें भारत के इतिहास की जानकारी नहीं है और उन्होंने अपनी आंखों पर ‘इतालवी चश्मा’ लगा रखा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी की युवा ईकाई का एक जिलाध्यक्ष भी यह बता सकता है कि झारखंड में पांच साल के भाजपा शासन में क्या-क्या विकास कार्य हुए और राहुल गांधी की कांग्रेस ने 55 साल के अपने शासन दौरान क्या कार्य किए। उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी और हेमंत सोरेन कहते हैं कि कश्मीर मुद्दा झारखंड चुनाव में क्यों महत्वपूर्ण है? इस राज्य के युवा देश की सीमा को सुरक्षित रख रहे हैं। परन्तु राहुल गांधी इतिहास नहीं जानते, क्योंकि उन्होंने आंखों पर इतालवी चश्मे लगा लिए हैं।’ उन्होंने देवघर के वैद्यनाथ धाम मंदिर में पूजा अर्चना भी की। गिरिडीह, बाघमारा और देवघर में चौथे चरण में 16 दिसंबर को मतदान है।

 

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