वाशिंगटन: अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया इस वक़्त इतिहास के सबसे बड़े सूखे की मार सह रहा है. उत्तरी और दक्षिणी कैलिफोर्निया में क्लाइमेट चेंज के कारण सबसे बड़ा सूखा पड़ा है. इस सूखे का प्रभाव देश के किसानों पर तो पड़ ही रहा है साथ ही साथ स्थिति ने राज्य पर अरबों डॉलर का आर्थिक भार भी डाला है. बताया जा रहा है कि करीब 4 करोड़ लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं.
सूबे के अधिकारियों की मानें तो सूखे के कारण राज्य पर 5.2 बिलियन डॉलर का भार पड़ा है. यदि भारतीय रुपयों में इस रकम का अनुमान लगाए तो, यह लगभग 4 लाख करोड़ रुपए बैठती है. अधिकारियों ने बताया है कि इतने अरबों डॉलर से वॉटर सिस्टम को अपग्रेड करने का काम किया जा रहा है, वॉटर स्टोरेज और समुदायों को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है. कैलिफोर्निया में सूखे से निबटने और पर्यावरण परिवर्तन के नकारात्मक असर से लोगों को बचाने के लिए 15 बिलियन डॉलर का पैकेज जारी किया गया है. कैलिफोर्निया के नैचुरल रिसोर्सेज सेक्रेटरी वेड क्रोफुट ने कहा है कि बाढ़ कैलिफोर्निया के प्राकृतिक पर्यावरण का ही एक अंग है. किन्तु अब यह समस्या क्लाइमेट चेंज के कारण गहराती जा रही है.
उन्होंने कहा कि इस साल सर्दियों में और गर्मियों में रिकॉर्ड तापमान के कारण समस्या बढ़ गई हैं. कैलिफोर्निया निरंतर दूसरे साल बाढ़ से स्थितियां बिगड़ी हैं. कहा जा रहा है कि राज्य की स्थिति वर्ष 1976-77 के बाद अब सबसे खराब हुए हैं. कैलिफोर्निया के गर्वनर न्यूसोम ने राज्य के 58 में से 50 गांवों में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है. अधिकारियों ने लोगों को आदेश दिया है कि वो पानी के इस्तेमाल में 15 फीसदी की कटौती कर दें.
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