इस व्रत से मिलेगा आपको भी मोक्छ
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कामिका एकादशी श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन मनाई जाती है। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। श्रावण मास की कृष्ण एकादशी का नाम कामिका है। उसके सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।

कामिका एकादशी उत्तम फलों को प्रदान करने वाली होती है। इस एकादशी के दिन भगवान श्री कृ्ष्ण की पूजा करने से अमोघ फलों की प्राप्ति होती है।

इस दिन तीर्थ स्थलों में विशेष स्नान दान करने की प्रथा भी रही है। इस एकादशी का व्रत करने के लिए प्रात: स्नान करके भगवान श्री विष्णु को भोग लगाना चाहिए। आचमन के पश्चात धूप, दीप, चन्दन आदि पदार्थों से आरती करनी चाहिए।

इस वर्ष कामिका एकादशी 10 अगस्त के दिन मनाई जाएगी। इस एकादशी को भगवान विष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है। कामिका एकादशी की कथा श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को सुनाई थी। इससे पूर्व राजा दिलीप को वशिष्ठ मुनि ने सुनायी थी जिसे सुनकर उन्हें पापों से मुक्ति एवं मोक्ष प्राप्त हुआ।

व्रत की कथा

श्रावण माह की कृष्ण एकादशी का नाम कामिका है। इस व्रत की कथा के अनुसार एक गांव में एक वीर श्रत्रिय रहता था। एक दिन किसी कारण वश उसकी ब्राह्मण से बहस हो गई बहस इतनी हो गई कि हाथापाई के दौरान उस ब्राह्मण की मृत्यु हो गई।

अपने हाथों मरे गए ब्राह्मण की क्रिया उस श्रत्रिय ने करनी चाही। लेकिन पंडितों ने उसे क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया। पंडितों ने बताया कि तुम पर ब्रहम हत्या का दोष है। पहले प्रायश्चित कर इस पाप से मुक्त हो तब हम तुम्हारे घर भोजन करेंगे।

इस पर श्रत्रिय ने पूछा कि इस पाप से मुक्त होने के क्या उपाय है। तब ब्राहमणों ने बताया कि श्रावण माह के कृष्ण पश्र की एकादशी को भक्तिभाव से भगवान श्रीधर का व्रत एवं पूजन कर ब्राहमणों को भोजन कराके सदश्रिणा के साथ आशीर्वाद प्राप्त करने से इस पाप से मुक्ति मिलेगी।

ऐसे करें पूजा

कामिका एकादशी के दिन स्नानादि से पवित्र होने के पश्चात संकल्प करके श्री विष्णु के विग्रह की पूजन करना चाहिए। भगवान विष्णु को फूल, फल, तिल, दूध, पंचामृत आदि नाना पदार्थ अर्पित करके, आठों प्रहर निर्जल रहकर विष्णु जी के नाम का स्मरण एवं कीर्तन करना चाहिए।

एकादशी व्रत में ब्राह्मण भोजन एवं दक्षिणा का बड़ा ही महत्व है अत: ब्राह्मण को भोजन करवाकर दक्षिणा सहित विदा करने के पश्चात ही भोजन ग्रहण करें। इस प्रकार जो कामिका एकादशी का व्रत रखता है उसकी कामनाएं पूर्ण होती हैं।

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