इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर कठोर शब्दों में नाराजगी जाहिर की | हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि सरकार गहरी नींद से जाग जाये और ऐसे कदम उठाये, जिनसे पुलिस बल को ज्यादा सक्रिय और जनोन्मुखी बनाया जा सके | अपहरण व बलात्कार के एक मामले में पुलिस की भूमिका पर गहरी नाराजी जताते हुए करते हुए अदालत ने सरकार के लिए भी यह कड़ी टिप्पणी की |
हाइकोर्ट में जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस शशिकांत ने यूपी सरकार के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (गृह) और सचिव (नियुक्ति) को निर्देश दिया "वे उचित कदम उठाएं और योजनाओं को अंतिम रूप दें ताकि उत्तर प्रदेश पुलिस को वास्तव में कानून-व्यवस्था का पालन कराने वाली एक मशीनरी बनायी जा सके और जो लोगों के लिए काम करती दिखे और उसमें लोगोें का भरोसा बहाल हो सके" |
अदालत ने स्पष्ट राय दी कि असल कमजोरी जांच के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों में है | ऐसा लगता है कि उन्हें बुनियादी जानकारी और तकनीक ही नहीं पता है | पुलिस द्वारा हर काम बड़े ही हल्के-फुल्के अंदाज में किया जाता है | अदालत ने ये टिप्पणियां सहारनपुर जिले की निवासी शाहिदा नाम की एक महिला की ओर से दाखिल अर्जी कि सुनवाई करते हुए की | फरियादी शाहिदा ने अपनी याचिका में अपनी बेटी के अपहरण और बलात्कार के मामले में पुलिस पर भी शिथिलता से काम करने का आरोप लगाया है |