छत्तीसगढ़ में मिशन 2018 को फतह करने के लिए कोशिश कर रही बीजेपी के लिए यह खबर चिंता पैदा करने वाली है कि छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिर में होने वाले चुनाव में सर्व आदिवासी समाज ने चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करने की तैयारी शुरू करने का फैसला किया है.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में फिर एक बार सत्ता में काबिज होने को जुटी भाजपा के अलावा कांग्रेस के लिए भी यह बुरी खबर से कम नहीं है कि सर्व आदिवासी समाज ने चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े करने की तैयारी शुरू कर दी है. अभी यह तय नहीं है कि यह समाज अपनी पार्टी बनाएगा या निर्दलीय चुनाव लड़ेगा. बता दें कि भू—राजस्व संहिता संसोधन विधेयक की वापसी वाले मामले में सरकार को इस संगठन ने नाको तले चने चबाने पर मजबूर कर दिया था.
इस बारे में सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष बीपीएस नेताम ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश में आदिवासियों के हित के लिए चुनाव में सीधे तौर पर समाज अपनी भागीदारी देने की तैयारी कर रहा है. प्रदेश में सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले करीब 44 जनजातियों के प्रतिनिधि जुड़े हुए हैं.चुनाव से पहले आदिवासी समाज की छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल इलाकों में पदयात्रा निकालने की भी योजना है. छत्तीसगढ़ में तीसरा मोर्चा समझी जाने वाली पूर्व सीएम अजीत जोगी की पार्टी के लिए भी यह मुश्किल में डालने वाली बात है.
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