मुंबई : राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ जिसे हिंदुत्व का प्रतिनिधि कहा जाता रहा है। अब इसी छवि को सामाजिक रुप से बदलते हुए और अपनी संस्कृति की ताकत को बताते हुए संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि सभी धर्म हमें सच्चाई और अहिंसा का मार्ग दिखाते है। भागवत ने कहा कि भारत दुनिया को राह दिखा सकता है। संतो की प्राचीन शिक्षा पद्धति का पहले घर में अनुसरण होना चाहिए। इसके बाद ही इसका बाहर प्रसार होना चाहिए।
भागवत जैन धर्म से जुड़े एक कार्यक्रम में शरीक होने आए थे। इसी दौरान उन्होने कहा कि गलत इरादे रखने वाले दुष्ट लोग हर कालखंड में रहे है। वे कभी समाप्त नही होंगे। इसी प्रकार अच्छे लोग भी हर कालखंड में रहे है। किसी को भी अच्छा काम करने से भयभीत नहीं होना चाहिए और समस्याओं का समाधान भयमुक्त होकर ढूंढना चाहिए।
भागवत ने कहा कि भयमुक्त होने के लिए शारीरिक ताकत की जरुरत नहीं है, बल्कि विनम्रता ही ताकत है। संघ प्रमुख ने कहा कि देश को सही मायने में महान बनाने के लिए भारत के युवाओं को इसी के अनुरुप विकसित होने की जरुरत है। युवाओं को नैतिक शिक्षा प्रदान करने की जरुरत है। भागवत ने यह भी कहा कि इसके लिए प्राचीन साधु संतों की शिक्षा को पहले अपने जीवन में आत्मसात करने की जरूरत है। इसके बाद उसे अपने घर में तथा फिर बाहर प्रसारित करना चाहिए।