लंदन : विश्व का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन अल कायदा का अस्तित्व अब संकट में आ गया है. इस्लामिक स्टेट (आइएस) के प्रभाव में वृद्धि होने की वजह से उसे लड़ने की लिए लोग नहीं मिल रहे हैं. संगठन के आर्थिक संसाधन अब समाप्त होने की कगार पर है. स्थिति इतनी भयानक हो गयी है की उनकी रोजी रोटी और छत जुटाने की समस्या का संगठन को सामना करना पड़ रहा है. अपने लैपटॉप और मोबाइल बेचकर संगठन को अपना गुजारा करना पड़ रहा है.
अल-कायदा से नजदीकी सम्बन्ध रखने वालो से ये जानकारी प्राप्त हुई है. इस वर्ष के प्रारम्भ में अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने भी बताया था कि अल-कायदा का प्रभाव अब समाप्त होता दिखाई दे रहा है. कट्टरपंथी धर्म प्रचारक अबू मुहम्मद अल मकदिसी ने जानकारी दी है कि अब अल-कायदा में सांगठनिक ढांचे के रूप में नहीं रहा. संगठन का प्रमुख अयमान अल जवाहिरी अब संगठन से अलग हो गया है और अन्य शीर्ष कमांडरों से उसका किसी भी प्रकार का कोई सम्पर्क नहीं है. 63 वर्षीय जवाहिरी मई 2011 में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद नेता के रूप में चुना गया था. जवाहिरी मई और मकदिसी दोनों एक दूसरे के करीबी मित्र है.
वहीं, जॉर्डन मूल के कट्टरपंथी प्रचारक अबू कतादा ने बताया कि अल कायदा की जमीन पर आइएस का कब्ज़ा हो गया है. आइएस के नेता अल कायदा ली तुलना डूबते जहाज से कर रहे है. यही वजह है की उसे नए लड़ाके मिलने में परेशानी हो रही है. दूसरी तरफ , दो साल पूर्व तक जिन लोगो से अल-कायदा को आर्थिक सहायता मिल रही थी अब उन्होंने भी अपना रुख आइएस की तरफ कर लिया है. अल-कायदा के एक पूर्व सदस्य जो अब ब्रिटेन में जासूसी का कार्य कर रहा है उसने जानकारी दी कि संगठन की कमाई लम्बे अरसे से कम हो रही है. पाकिस्तानी में कुछ लडको को भोजन पानी के जुगाड़ के लिए अपने वाहन और लैपटॉप बेचने पड गए थे.
सीरिया में अमेरिकी नागरिक की मृत्यु
सीरिया में आइएस के खिलाफ कुर्द बलों की तरफ से लड़ रहे अमेरिकी नागरिक केथ ब्रूमफील्ड की मृत्यु हो गयी है. ब्रूमफील्ड कुर्द बलोंइस का इसी वर्ष फरवरी में बल के साथ जुड़ाव हुआ था. वह मैसाचुसेट्स निवासी था. तीन जून को कोबानी के समीप हुई लड़ाई में उसकी मौत हो गयी.