लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के संंस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के देहांत की खबर सुुुनकर लगभग 500 किलोमीटर दूर महराजगंज के नौतनवा से पैदल ही सैफई के लिए रवाना हुए नेताजी के नन्हें समर्थक नवरत्न की मुराद अखिलेश यादव ने पूरी कर दी। सपा प्रमुख ने गाड़ी भेजकर नवरत्न को सैफई बुलवाया। उससे बहुत देर तक बातचीत की और अपनी कोठी में ही उसे खाना खिलाया।
सपा मुख्या अखिलेश यादव ने जब नवरत्न से पूछा कि वह क्या बनना चाहता है, तो उसने नेता बनने की इच्छा जाहिर की। इस पर अखिलेश ने उसे अच्छे स्कूल में पढ़ने की हिदायत दी और वादा किया कि पढ़ाई का पूरा खर्च वह खुद उठाएंगे। अखिलेश ने कहा कि पहले पढ़ लो फिर नेता बनना। बता दें कि, मुलायम यादव बड़े नेता तो थे ही, उनके समर्थक भी लाखों में हैं। समर्थकों में सभी आयुवर्ग के लोग शामिल हैं, इनमें नन्हे समर्थक भी हैं। एक 10 साल का समर्थक तो अपने घर में बगैर किसी को बताए, नेताजी के अंतिम दर्शन के लिये यहां से पांच सौ किमी दूर महाराजगंज से पैदल ही निकल पड़ा था।
इटावा पहुंचा तो यहां आकर रास्ता भटक गया, किसी प्रकार गुरुवार को कानपुर पहुंच गया, तो GRP ने उसको बैठा लिया और पूछताछ की तो पता चला है कि उसका नाम नवरत्न यादव है और उसके पिता सिकंदर यादव बहुत गरीब हैं। वह घर से बिना बताए सैफई के लिए निकला था। बाद में परिजन उसको ले गये, इसकी जानकारी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मिली, तो उन्होंने इस नन्हें समर्थक को गाड़ी भेजकर सैफई बुलवाया और उसके साथ बात की। अखिलेश ने बच्चे से वादा किया कि अच्छे स्कूल में खूब पढ़ो और पढ़ाई का खर्च हम उठायेंगे।
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